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(1) बिरादरी का यही सहारा होता है। क. किसने किससे कहा? ख. किस प्रसंग में कहा? ग. किस आशय से कहा? घ. क्या कहानी में यह आशय स्पष्ट हुआ है? (2) उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य- क. किसके लिए कहा गया है? ख. किस प्रसंग में कहा गया है? ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है? |
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Answer» (1). क. यह वाक्य वंशीधर ने अपनी जाती के एक युवक रमेश से कहा| ख. वंशधर जब अपने बेटे की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे तब रमेश ने उनसे उनके बेटे को आगे पढ़ने के लिए अपने साथ बंगलोरे चलने की बात रखी इस प्रसंग मे वंशीधर ने मृदुता प्रकट करते हुए यह बात कही| ग. वंशीधर के कहने का यह आशय था की जरुरत पड़ने पर अपनी जाती का ही कोइना कोई काम आता है| घ. नहीं, कहानी मे यह आशय कतई स्पष्ट नहीं हुआ क्योंकि रमेश ने वंशीधर के बेटे को शहर मे पढ़ाने की बजाय अपना नौकर बनाया और शोषण किया| (2) क. यह वाक्य मोहन के लिए कहा गया है| ख. जब मोहन भट्टी पर बैठकर मुड़ी हुई मोटी छड़ को पिघलकर सुडोल आकार देता है तब उसकी आँखों मे सृजक चमक आजाती है| ग. यह पात्र विशेष इस चारित्रिक पहलु को दिखता है की वह जाती को व्यवसाय से नहीं जोड़ता| |
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