1.

1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-वर्षा ऋतु में कदंब का वृक्ष पीले रंग के गोल फूलों से लद जाता है। तब इसकी सुंदरता बहुत आकर्षक हो जाती है। पीले फूलोंकी गंध बड़ी ही मनभावन होती है। वामन पराण के अनुसार कदंब कंदर्प यानी कामदेव के कर से उपजा वृक्ष है। इसी कारणइसके फूलों की गंध वातावरण को मादक बना देती है। यह भी कहा गया है कि कामदेव अपने धनुष पर जिस फूल का तीर चढ़ातेहैं, वह कदंब ही है। रामायण में लिखा है कि जब श्रीराम ऋष्यमूक पर्वत पर भ्रमण कर रहे थे, तब वहाँ के भंवरे कदंब के फूलोंका रसपान करने में इतने मस्त हो गए कि बारिश आने पर उनसे उड़ा ही नहीं गया और बहुत सारे भ्रमर पानी की तेज़ धारा मेंबहने लगे। अरण्य कांड के अनुसार पंचवटी में लगे वृक्षों में कदंब प्रमुख था। किष्किंधा कांड में राम कदंब की प्रशंसा करते हैं।विष्णु पुराण में उल्लेख है कि बलराम को कदंब के फूलों से बनी मदिरा पसंद थी, इसलिए उन्हें हलिप्रिय कहा गया है। इस पुराणमें कदंब को ग्यारह योजन ऊँचा बताया गया है।गन्याश( काव्यांश के आधार पर कदंब के वृक्ष की सुंदरता को अपने शब्दों में लिखिए।(ii) कामदेव और कदंब का क्या संबंध बताया गया है?(11) (क) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।(ख) कदंब के फूलों का वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?(iv) रामायण में कदंब के बारे में क्या वर्णन मिलता है?(v) विष्णु पुराण में कदंब के पेड़ की ऊँचाई कितनी बताई गई है?​

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वह पूजा के बीच बाहर चला गया oooooooooooooooooooooooooooooooooo



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