1.

10 kg द्रव्यमान की कोई वृत्तीय चक्रिका अपने केंद्र से जुड़े किसी तार से लटकी है। चक्रिका को घूर्णन देकर तार में ऐठन उत्पन्न करके मुक्त कर दिया जाता है। मरोड़ी दोलन का आवर्तकाल `1.5s` है। चक्रिका की त्रिज्या `15 cm` है। तार का मरोड़ी कमानी नियतांक ज्ञात कीजिए ।[ मरोड़ी कमानी नियतानिक `alpha` समबन्ध `j=-alpha theta` द्वारा परिभाषित किया जाता है, यहाँ J प्र्त्यानयन बल युग्म है तथा `theta` ऐठन कोण है।]

Answer» चक्रिका का अपने तल लम्बवत, अपने केंद्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण
`I=(1)/(2)MR^(2)=(1)/(2)xx10xx(0.15)^(2)`
`=5xx(0.15)^(2)"किग्रा"-"मी"^(2)`|
मरोड़ दोलन का आवर्तकाल
`T=2pisqrt((I)/(c))`
`:.c=(4pi^(2)l)/(T^(2))=(4xx(3.14)^(2)xx5xx(0.15)^(2))/((1.5)^(2))`
`=1.97"न्यूटन मीटर रेडियन"^(-1)`


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