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10 lines on chandra sekhar azad in हिंदी​

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1.आजादी पाने के लिए हद तक जाना और बेखौफ अंदाज दिखाना, इन दोनों ही बातों से चंद्रशेखर आजाद आज अमर हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में:

2. गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए.

3. चंद्रशेखर सिर्फ 14 साल की उम्र में 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे और तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जब जज ने उनसे उनके पिता नाम पूछा तो जवाब में चंद्रशेखर ने अपना नाम आजाद और पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल बताया. यहीं से चंद्रशेखर सीताराम तिवारी का नाम चंद्रशेखर आजाद पड़ा.  

4. एक बार इलाहाबाद में पुलिस ने उन्हें घेर लिया और गोलियां दागनी शुरू कर दी. दोनों ओर से गोलीबारी हुई. चंद्रशेखर आजाद ने अपने जीवन में ये कसम खा रखी था कि वो कभी भी जिंदा पुलिस के हाथ नहीं आएंगे. इसलिए उन्होंने खुद को गोली मार ली.

5. जिस पार्क में उनका निधन हुआ था आजादी के बाद इलाहाबाद के उस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क और मध्य प्रदेश के जिस गांव में वह रहे थे उसका धिमारपुरा नाम बदलकर आजादपुरा रखा गया.

6. आजाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी इलाके में बीता इसलिए बचपन में आजाद ने भील बालकों के साथ खूब धनुष बाण चलाए. इस प्रकार उन्होंने निशानेबाजी बचपन में ही सीख ली थी

7.महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सैनानी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती (chandra shekhar AZAD JAYANTI) है. चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था

8.क्रांतिकारी नेता चंद्रशेखर आजाद की आज 87वीं डेथ एनिवर्सरी है. 27 फरवरी, 1931 को इन्होंने इलाहाबाद के एलफेड पार्क में खुद को गोली मार ली थी.

9.जातिगत हिंसा के एक महीने के लंबे चक्र के बाद आजाद का वध कर दिया गया था, पिछले साल सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में और उसके आसपास दो पुरुषों, एक दलित और एक राजपूत के जीवन का दावा किया गया था।

10.31 वर्षीय को दंगे, हत्या के प्रयास, गैरकानूनी विधानसभा और लूटपाट सहित कई गंभीर आरोपों में रखा गया था, लेकिन उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2 नवंबर को जमानत दे दी थी।



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