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15वीं सदी में नए स्थलों की खोज के लिए उत्तरदायी परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।या15वीं शताब्दी में नवीन व्यापारिक मार्गों की खोज क्यों हुई ?या15वीं तथा 16वीं शताब्दी में नए प्रदेशों की खोजों के लिए उत्तरदायी कारणों को बताइए।या15वीं तथा 16वीं शताब्दी में नए समुद्री माग की खोज के कारणों पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» नए स्थानों की खोज-यात्राएँ मानव जिज्ञासु प्राणी है। जिज्ञासा की भावना ने ही उसे नये देशों व स्थानों की खोज हेतु प्रेरणा दी। 15वीं सदी के अन्तिम वर्षों और 16वीं सदी के प्रारम्भिक वर्षों में यूरोप के साहसी नाविकों ने जोखिम उठाते हुए लम्बी-लम्बी यात्राएँ करके नवीन देशों की खोज करने में सफलता अर्जित की। इसीलिए पुनर्जागरण काल को ‘खोजों का काल भी कहा जाता है। भौगोलिक खोजों के लिए सर्वप्रथम पुर्तगाली और स्पेनिश नाविक आगे आये। बाद में इंग्लैण्ड, फ्रांस, हॉलैण्ड और जर्मनी के नाविक भी खोज-अभियान में जुट गये। इस काल में खोजी यात्राओं के लिए कतिपय अनुकूल परिस्थितियाँ थीं, जिनके कारण सुगमता से खोजी अभियान प्रारम्भ हुआ। 1. तुर्को द्वारा कुस्तुन्तुनिया पर अधिकार – 1453 ई० में तुर्को द्वारा कुस्तुन्तुनिया पर अधिकार कर लिये जाने के फलस्वरूप पश्चिम और पूर्व के बीच व्यापारिक मार्ग यूरोपियनों के लिए बन्द हो गये। पुर्तगाल और स्पेन को भारत और इण्डोनेशिया के साथ व्यापार से पर्याप्त लाभ होता था और पुर्तगाली तथा स्पेन के लोग इस लाभ को छोड़ने के लिए तैयार न थे, अत: पूर्वी देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध बनाये रखने के लिए उन्होंने नये जलमार्गों का पता लगाया। 2. वैज्ञानिक आविष्कार – आधुनिक युग में दिशासूचक यन्त्र (कुतुबनुमा) का आविष्कार हुआ और इस यन्त्र के आविष्कार ने समुद्री यात्राओं को सुगम और सुरक्षित बना दिया। इस काल में मजबूत जहाजों का भी निर्माण हुआ जो समुद्री यात्रा के समय तूफान, हवा आदि से अपेक्षाकृत सुरक्षित थे। 3. सम्राट् हेनरी का योगदान – पुर्तगाल का शासक हेनरी, नाविक हेनरी (HenrytheNavigator) के नाम से प्रसिद्ध है। वह स्वयं तो एक नाविक नहीं था, किन्तु उसने भौगोलिक अन्वेषणों के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य किये। उसने नाविकों का एक प्रशिक्षण केन्द्र (स्कूल) स्थापित किया और खोजी यात्राओं को प्रोत्साहित किया। पोत निर्माताओं को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान कीं और लम्बी दूरी की यात्राओं के लिए उपयुक्त पोत निर्माण करने की सलाह दी। हेनरी द्वारा स्थापित यह केन्द्र नाविकों और वैज्ञानिकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया। इस प्रकार सम्राट् हेनरी ने ऐसी परम्परा विकसित की, जिसके फलस्वरूप खोजी यात्री न केवल उत्साहित हुए, वरन् उन्हें आवश्यक सुविधाएँ भी प्राप्त हुईं। |
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