InterviewSolution
| 1. |
1B K (Rl el h'b&h"fi‘hfi‘m %3 6261 ¥ ,‘f |
|
Answer» -विश्व व्यापी आर्थिक मंदी-1929 से 1932|||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||| प्रथम विश्व युद्ध से उत्पन्न परिस्थियां ही आर्थिक मंदी का कारण बनी । युद्ध काल में सैनिक सामग्री की मांग बढ़ जाने से उद्योगों का विस्तार हुआ। मजदूरी की दर में वृद्धि हुई। लाभांश में वृद्धि हुई। अंततः प्रथम विश्व युद्ध के बाद उद्योगों की तरफ लोग झुकते चले गये।जिससे कृषि का उत्पादन बढ़ा। खाद्यान की कीमत गिर गई। कृषको की क्रय क्षमता घट गई और इधर कारखानो से मजदूरो की छटनी शुरू हो गई। उद्योगपतियों को भारी मुनाफा हुआ लेकिन श्रमिको को नहीं। 1923-29 के बीच मजदूरी 8%बढी जबकि मुनाफा 72% । इस आकंड़े से स्पष्ट है कि सामान्य जनता की क्रय शक्ति इतनी नहीं थी कि वह इस तेज़ी को थाम सके। उत्पादन की गति को शाख द्वारा 1929 तक संभाला गया। दुर्भाग्य से मालिक न तो कीमत घटाने को तैयार थे और ना ही मजदूरी बढ़ाने को। अतः उपभोक्ता वस्तु की भरमार बनी रही। अचानक कीमत नहीं गिरती यदि अमेरिका अतिरिक्त माल का निर्यात करता। निर्यात गिर रहा था।क्योकि यूरोपीय देश अमेरिकी माल खरीदने को तैयार नहीं थे। अमेरिका स्वयं अनेक माल के आयात पर अधिक से अधिक सीमा शुल्क लगाता था। अमेरिका यूरोपीय माल खरीदने को तैयार नहीं था। यूरोप के पास डॉलर की कमी हो गई। ऐसी परिस्थिति में यूरोपीय देश अमेरिका का ऋण नहीं चुका सकते थे। एशिया में स्वदेशी आंदोलन ,रूस में बोल्शेविक क्रांति तथा युद्ध के बाद यूरोप के नए राज्य सरक्षणवादि सिद्धान्त का प्रयोग किये । विश्व के विभिन्न देशो में सोने का विषम विभाजन मंदी का महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। युद्ध के समय बहुत से देशो को स्वर्णमान का परित्याग करना पड़ा। 1924 से 29 में यूरोप के अनेक राष्ट्रों ने पुनः स्वर्णमान को अपना लिया। स्वर्णमान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न राज्यो के पास प्रयाप्त मात्रा में स्वर्ण भण्डार आवश्यक था।इस समय विश्व का अधिक सोना अमेरिका में एकत्र होने लगा । क्योकि उसके क़र्ज़ की अदायगी सोने के रूप में की जा रही थी । इसी प्रकार फ़्रांस को भी क्षतिपूर्ति की अधिकाँश राशि सोने के रूप में की जा रही थी । एक अनुमान के अनुसार विश्व का 60% सोना अमेरिका और फ्रांस के पास था । सोने की अन्य राज्यो में कमी हुई । जिससे मुद्रा का मूल्य बढ़ गया और वस्तुओ की कीमत गिर गई। सट्टे में वस्तु की कीमत बढ़ा चढ़ा कर बेचने से भी अविश्वनियता बढ़ी। अमेरिका के सारे कारखाने व् बैंक दिवालिया हो गए। अमेरिका से यूरोप को ऋण मिलना समाप्त हुआ। मात्र ussr इसके प्रभाव में नहीं था। इस आर्थिक संकट से जर्मनी विशेष रूप से प्रभावित हुआ। |
|