1.

6. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-। (क) 'करुण रस' का एक उदाहरण लिखिए।​

Answer»

ANSWER:

हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक

गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक

हुआ न यह भी भाग्य अभागा

किस पर विकल गर्व यह जागा

रहे स्मरण ही आते

सखि वे मुझसे कहकर जाते

अभी तो मुकुट बंधा था माथ

हुए कल ही हल्दी के हाथ

खुले भी न थे लाज के बोल

खिले थे चुम्बन शून्य कपोल

हाय रुक गया यहीं संसार

बना सिंदूर अनल अंगार

वातहत लतिका वह सुकुमार

पड़ी है छिन्नाधार!

धोखा न दो भैया मुझे, इस भांति आकर के यहाँ

मझधार में मुझको बहाकर तात जाते हो कहाँ

सीता गई तुम भी चले मै भी न जिऊंगा यहाँ

सुग्रीव बोले साथ में सब (जायेंगे) जाएँगे वानर वहाँ

दुःख ही जीवन की कथा रही

क्या कहूँ, आज जो नहीं कहीं

रही खरकती हाय शूल-सी, पीड़ा उर में दशरथ के

ग्लानि, त्रास, वेदना - विमण्डित, शाप कथा वे कह न सके

Hope it is useful

Plz MARK as BRAINLIEST



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions