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➡️ विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन ⬅️༒प्रस्तावना: - यद्यपि जीवन का हर काल महत्वपूर्ण होता है तथापि जीवन निर्माण का आधार विद्यार्थी के अध्ययन काल में ही रखा जाता है। मनुष्य का मन एकदम घोड़े की भांति निरंकुश रूप से दौड़ना पसंद करता है।
- यदि इस पर अनुशासन का अंकुश ना हो तो यह हमें न जाने कितनी भयंकर विपत्ति में डाल सकता है।
༒अनुशासन अनुशासन की आवश्यकता: - जीवन को व्यवस्थित और उद्देश्य पूर्ण बनाने के लिए विद्यार्थी जीवन से ही अनुशासन में रहना आवश्यक है । अनुशासन का अर्थ है नियमों का शासन अर्थात निर्धारित नियमों के अधीन रहकर जीवन को कुसंगति से बचाकर उच्च लक्ष्य की ओर ले जाना ।
༒प्रकृति और अनुशासन: - प्रकृति में हमें अनुशासन की सुंदर व्यवस्था देखने को मिलती है ।असंख तारे, सूर्य, चंद्र नियमित रूप से अपने निर्धारित कक्षा में भ्रमण करते रितु का चक्र भी नियमित रूप से घूमता है। फल फूल भी अपनी निर्धारित ऋतु में खिलते हैं ।
༒अनुशासन कैसे आए : - छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए व्यवस्था ना कारगर होगी और ना ही आलोचना।
- इसके लिए अभिभावक और अध्यापकों को स्वयं एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। छात्रों को स्नेह पूर्वक अनुशासन सीखना होगा।
- उनका सही सही मार्गदर्शन बनने के लिए उन्हें छात्रों से मित्रवत व्यवहार करना चाहिए। समाज का वातावरण स्वच्छ बनाए बिना छात्र से अनुशासन की आशा नहीं की जा सकती।
༒उप संहार: - छात्रों को यह भी समझना चाहिए कि उनका यह समय उनके पूरे जीवन के लिए बहुमूल्य है अनुशासन में रहकर छात्र अध्ययन करने से वे सफलता के सोपान पार करेंगे।
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