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आग लगने से बचाव के लिए अस्थायी पण्डालों में क्या उपाय किए जाने चाहिए?

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विभिन्न समारोहों के आयोजन के लिए प्रायः पण्डाल लगाये जाते हैं। इन पण्डालों में आग लगने की कुछ अधिक आशंका रहती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आग से सुरक्षा के लिए कुछ उपायों को अपनाना आवश्यक माना जाता है। इस प्रकार के कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं

⦁    पण्डाल बनाने में सिन्थेटिक कपड़ों, रस्सियों तथा अन्य सामग्री का इस्तेमाल न किया जाए।

⦁    पण्डाल कभी भी बिजली की तारों के नीचे या बहुत निकट नहीं लगाया जाना चाहिए।

⦁    पण्डाल के चारों ओर पर्याप्त खुला स्थान होना चाहिए ताकि आपदा के समय सरलता से बाहर जा सकें।

⦁    पण्डाल का द्वार कम-से-कम पाँच मीटर चौड़ा होना चाहिए तथा निकास द्वार अधिक-सेअधिक होने चाहिए।

⦁    पण्डाल में लगी कुर्सियों की कतारों में कम-से-कम डेढ़ मीटर की दूरी अवश्य होनी चाहिए।

⦁    बिजली का सर्किट तथा जेनरेटर आदि पण्डाल से कम-से-कम 15 मीट्रर दूर होने चाहिए।

⦁    अग्नि-सुरक्षा के यथासम्भव अधिक-से-अधिक उपाय किये जाने चाहिए। पानी, रेत, आग बुझाने वाली गैस आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

⦁    पण्डाल के अन्दर ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखे जाने चाहिए।

⦁    पण्डाल में अमोनियम सल्फेट,अमोनियम कार्बोनेट, बोरेक्स, बोरिक एसिड, एलम तथा पानी का घोल बनाकर छिड़काव किया जाना चाहिए।



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