InterviewSolution
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आयोजन के कोई भी चार घटक समझाइए । |
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Answer» आयोजन के घटक निम्न है : (1) उद्देश्य (Objective) : उद्देश्य के आधार पर ही आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन किस उद्देश्य के लिए तैयार करना है वह स्पष्ट होना चाहिए उद्देश्य स्पष्ट एवं निश्चित होना चाहिए । धंधे में विविध उद्देश्य भी होते हैं । जैसे मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना सहायक उद्देश्य ग्राहकों की अच्छी सेवा संक्षिप्त में मुख्य एवं गौण (सहायक) उद्देश्य क्या है यह निश्चित होना चाहिए । (2) नीति (Policy) : योजना की सफलता के लिए नीतियाँ निश्चित की जाती है । नीति अर्थात् कौन-सा कार्य किस प्रकार करना है । इस सम्बन्ध में मार्गदर्शक सूचन, जो कर्मचारियों को कार्य करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं । जैसे शाखनीति, कर्मचारियों को सिनियोरिटी के अनुसार प्रमोशन की नीति इत्यादि, नीति भी एक प्रकार की योजना ही है । (3) पद्धतियाँ (Procedures) : नीतियाँ निर्णय लेने में मार्गदर्शन देती हैं । जबकि पद्धतियाँ निश्चित प्रवृत्तियों को किस क्रम में करना है । वह निश्चित करती है । जैसे ग्राहकों को शान पर माल बेचना वह नीति है । परन्तु ओर्डर के अनुसार माल कैसे भेजना यह पद्धति है। आयोजन में पद्धतियों का समावेश होता है । पद्धतियों से प्रत्येक विभाग का कार्य कर्मचारियों द्वारा एक समान और से होता है । (4) नियम (Rule) : नियम अर्थात् आदेश । आयोजन में निश्चित योजनाओं का पालन व्यवस्थित हो इसलिए कर्मचारियों के द्वारा निर्धारित नियमों का पालन होना चाहिए । नीति एवं पद्धतियों का परिपालन सरल बने इसलिए अनेक नियमों को निश्चित किया जाता है । जैसे – कर्मचारियों को विभाग में कार्य करते समय धूम्रपान नहीं करना चाहिए । (5) कार्यक्रम (Programmes) : स्पष्ट कार्यक्रम आयोजन को सफल बनाते हैं । कार्यक्रम अर्थात् आयोजन का अमल (परिपालन) करवाने की योजनाएँ । योजनाओं के उद्देश्य की पूर्ण करवाने के लिए नीतियाँ, विधियाँ एवं अंदाजपत्र का समावेश करके कार्यक्रम तैयार किया जाता है । जैसे – गत वर्ष के कर्ता चालु वर्ष में 30% लाभ में वृद्धि करने की योजना के लिए नीति, विधि एवं अंदाजपत्र तैयार करके कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है । (6) अंदाजपत्र (Budget) : अंदाजपत्र यह आयोजन और अंकुश का साधन है । इसमें अंदाजित लक्ष्य अंकों में निर्धारित किया जाता है । अंदाज पर निश्चित समय के लिए तैयार होता है । अंदाजपत्र में निश्चित समय के परिणाम अंकों में दर्शाए जाते हैं । आयोजन पूर्ण करने के लिए कुल कितना खर्च होगा उसका अंदाज दर्शाया जाता है । आयोजन का मुख्य साधन अंदाजपत्र है । (7) व्यूहरचना (Strategy) : स्पर्धा का सामना करने के लिए तथा योग्य लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक साधन सामग्री की व्यवस्था करना व्यूहरचना कहलाती है । व्यूहरचना आयोजन का मूल है । स्पर्धा से इकाई की प्रवृत्तियों में क्या परिवर्तन होगें उसके लिए कौन-कौन से कदम उठाए जायेगें । उसकी योजना बनाना अर्थात् व्यूहरचना जैसे – स्पर्धात्मक पेढी भाव में कमी करे तो हमें विज्ञापन द्वारा उच्च गुणवत्ता की असर ग्राहकों को समझाने का प्रयास करना चाहिए । |
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