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अभिनत एवं अनभिनत विभ्रम से क्या आशय है?

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सांख्यिकी विभ्रम दो प्रकार के होते हैं–
1. अभिनत विभ्रम तथा
2. अनभिनत विभ्रम।

1. अभिनत विभ्रम – अभिनत विभ्रम (biased error) प्रमाणकों अथवा सूचकों के पक्षपात अथवा दोषपूर्ण मापक यंत्रों के कारण उत्पन्न होते हैं। इन विभ्रमों का प्रभाव एक ही दिशा में होता है; अतः इनकी प्रकृति संचयी होती है।

2. अनभिनत विभ्रम – अनभिनत विभ्रम (unbiased error) बिना किसी पक्षपात की भावना के कारण उत्पन्न होते हैं और एक-दूसरे को काटने की प्रवृत्ति रखते हैं, इसीलिए इन्हें क्षतिपूरक विभ्रम’ भी कहते हैं।



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