InterviewSolution
| 1. |
अभिप्रेरणा (Motivation) का अर्थ एवं लक्षण समझाइए । |
|
Answer» अभिप्रेरणा का अर्थ : ‘कर्मचारियों में अधिक कार्य करने की प्रेरणा जाग्रत करना और उनको महत्तम कार्यसंतोष की उपलब्धि अर्थात् अभिप्रेरणा ।’ अभिप्रेरणा के लक्षण (Characteristics of Motivation) :अभिप्रेरणा के लक्षण निम्नलिखित होते हैं : 1. कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों को अपने कार्य के प्रति अधिक प्रोत्साहन दिया जाता है । जिससे अधिक कार्यक्षम एवं ढंग से कार्य सम्भव बनता है । अधिक उत्पादन होता है । (2) उद्देश्य की प्राप्ति : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । जिससे निर्धारित आयोजन के अनुसार उत्पादन होता है । कार्य सरल बनता है । जिससे कार्य के प्रति अधिक संतोष होता है । 3. कार्य के प्रति अधिक संतोष : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों को कार्य के प्रति लगाव होता है । कार्य एक बोझरूप नहीं बनता है । कार्य सरल बनता है । जिससे कार्य के प्रति अधिक संतोष होता है । (4) कर्मचारियों के स्थानांतरण में कमी : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । कार्यक्षमता में वृद्धि होने से अधिक वेतन प्राप्त होता है । अधिक वेतन के साथ-साथ मान सम्मान, प्रमोशन एवं सामाजिक महत्त्व बढ़ता है । जिससे कर्मचारी कार्य छोडकर दूसरी इकाई में नहीं जाता । (5) कर्मचारियों में नियमितता : कर्मचारियों की अभिप्रेरणा से कार्य के प्रति संतोष, कार्य में रूचि, कार्य सरल, प्रतिदिन कार्य करने की इच्छा जागृत होती है । जिससे कार्य के प्रति आकर्षण बढ़ता है । अत: कर्मचारी नियमित रहता है । (6) कर्मचारियों की नैतिकता में सुधार : कर्मचारियों का कार्य के प्रति उत्साह बना रहे अभिप्रेरणा की प्रक्रिया इस सम्बन्ध के प्रश्नों का अध्ययन करती है । तथा प्रश्नों का निराकरण खोजती है । इसके लिए प्रेरणारूप कदम उठाए जाते हैं । जिससे कर्मचारियों को कार्य के प्रति संतोष एवं कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है । अतः कर्मचारी अपने नैतिक धर्म को अपनाता है । (7) परिवर्तनशील व्यवस्थातंत्र का स्वीकार : इकाई को आंतरिक एवं बाहरीय परिस्थितियों में परिवर्तन होने से इकाई के उत्पादन एवं व्यवस्थातंत्र में परिवर्तन करना आवश्यक बनता है । जिससे उत्पादन, तकनीकि, कच्चा माल, साधनों इत्यादि अन्य कार्यों में परिवर्तन करना पड़ता है । जो कर्मचारी वर्ग इन परिवर्तनो का स्वीकार सरलता से नही करते अतः अभिप्रेरण द्वारा सरलता से परिवर्तन कराया जा सकता है । (8) सकारात्मक अभिगम : अभिप्रेरण सकारात्मक अभिगम को प्रोत्साहन प्रदान करता है । कर्मचारियों को समस्याओं का जब निराकरण किया जाता है । तब व्यवस्थातंत्र और इकाई के प्रति सम्मान की भावना का अनुभव करता है । स्वयं इकाई का एक हिस्सा हूँ । इस दृष्टि से कर्मचारी कार्य करता है । इस प्रकार का विचार इकाई एवं कर्मचारी दोनों के लिए लाभकारक सिद्ध होता है । (9) उत्पादन में वृद्धि : अभिप्रेरण से कर्मचारियों को अपने कार्य के प्रति उत्साह एवं वफादारी बनी रहती है । जिससे इकाई के साधनों का योग्य उपयोग होता है । अतः उत्पादन के प्रमाण में वृद्धि होती है । (10) आन्तरिक प्रेरणा : अभिप्रेरणा एक ऐसी शक्ति है, जो कि मनुष्य के अन्दर से उत्पन्न होती है । अर्थात अभिप्रेरण आन्तरिक प्रेरणा है । (11) मनोवैज्ञानिक ख्याल : अभिप्रेरणा का ख्याल मनोवैज्ञानिक है । प्रत्येक व्यक्ति के ख्याल अलग-अलग होते है । जिससे प्रत्येक व्यक्ति की आन्तरिक प्रेरणा की आवश्यकता भी अलग होती है । (12) विस्तृत क्षेत्र : अभिप्रेरण का ख्याल विस्तृत और समृद्ध है । आवश्यकता हेतु, इच्छा, लगाव, ध्येय, चयन, मनोबल, प्रलोभन आदि शब्दों का समावेश प्रेरण या अभिप्रेरण में होता है । (13) सहयोग प्राप्त करने का साधन : कर्मचारी को अभिप्रेरण देने से उन्हे कार्य सन्तुष्टी मिलती है । जिससे वह उच्च अधिकारियों को सम्पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है । (14) संचालन का एक कार्य : संचालन का महत्त्वपूर्ण कार्य अथवा अंग अभिप्रेरणा कहलाता है । संचालकों को भौतिक साधनों के पास से नहीं, बल्कि जीवित कर्मचारियों के पास से काम लेना होता है, जिससे उनको अभिप्रेरणा प्रदान करना एक महत्त्वपूर्ण कार्य बन जाता है । |
|