1.

अभिवहन तथा संवहन की तुलनात्मक व्याख्या कीजिए।

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अभिवहन–अभिवहन ऊष्मा का क्षैतिज दिशा में स्थानान्तरण है। इस प्रक्रिया में जब ठण्डे प्रदेशों में गर्म वायुराशि जाती है तो उनको गर्म कर देती है। इससे ऊष्मा का संचार निम्न अक्षांशीय क्षेत्रों से उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों में भी होता है। इसके अतिरिक्त वायु द्वारा संचालित समुद्री धाराएँ भी उष्ण कटिबन्धों से ध्रुवीय क्षेत्रों में ऊष्मा का संचार करती हैं।

संवहन-जब पृथ्वी को स्पर्श करके वायु के कणगर्म होते हैं तो वह हल्के होकर ऊपर उठते हैं और फिर ऊपर से ठण्डे होकर नीचे आते हैं। इस प्रक्रिया से संवहन धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इन धाराओं की प्रकृति गैसीय या तरल पदार्थों में जाने की होती है। इससे ऊष्मा का संचार होता है जो संवहन कहलाता है।



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