InterviewSolution
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Alankar m hr ek chiz vistar se btayein plzz pura explain. chahiye |
| Answer» TION:. पुनरुक्ति अलंकार क्या है :-पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है – पुन: +उक्ति। जब कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है।4. विप्सा अलंकार क्या है :-जब आदर, हर्ष, शोक, विस्मयादिबोधक आदि भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति को ही विप्सा अलंकार कहते है।जैसे :- मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।5. वक्रोक्ति अलंकार क्या है :-जहाँ पर वक्ता के द्वारा बोले गए शब्दों का श्रोता अलग अर्थ निकाले उसे वक्रोक्ति अलंकार कहते है।वक्रोक्ति अलंकार के भेद :-काकु वक्रोक्ति अलंकारश्लेष वक्रोक्ति अलंकार1. काकु वक्रोक्ति अलंकार क्या है :- जब वक्ता के द्वारा बोले गये शब्दों का उसकी कंठ ध्वनी के कारण श्रोता कुछ और अर्थ निकाले वहाँ पर काकु वक्रोक्ति अलंकार होता है।जैसे :- मैं सुकुमारि नाथ बन जोगू।2. श्लेष वक्रोक्ति अलंकार क्या है :- जहाँ पर श्लेष की वजह से वक्ता के द्वारा बोले गए शब्दों का अलग अर्थ निकाला जाये वहाँ श्लेष वक्रोक्ति अलंकार होता है।जैसे :- को तुम हौ इत आये कहाँ घनस्याम हौ तौ कितहूँ बरसो।चितचोर कहावत है हम तौ तहां जाहुं जहाँ धन सरसों।।6. श्लेष अलंकार क्या होता है :-जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आये पर उसके अर्थ अलग अलग निकलें वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।जैसे :- रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।पानी गए न उबरै मोती मानस चून।।अर्थ – यह दोहा रहीम जी का है जिसमें रहीम जी ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है जिसमें पानी का पहला अर्थ आदमी या मनुष्य के संदर्भ में है जिसका मतलब विनम्रता से है क्योंकि मनुष्य में हमेशा विनम्रता होनी चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ चमक या तेज से है जिसके बिना मोतियों का कोई मूल्य नहीं होता है। पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे को गूथने या जोड़ने में दिखाया गया है क्योंकि पानी के बिना आटे का अस्तित्व नम्र नहीं हो सकता है और मोती का मूल्य उसकी चमक के बिना नहीं हो सकता है उसी तरह से मनुष्य को भी अपने व्यवहार को हमेशा पानी की ही भांति विनम्र रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है।श्लेष अलंकार के भेद :अभंग श्लेष अलंकारसभंग श्लेष अलंकार1. अभंग श्लेष अलंकार :- जिस अलंकार में शब्दों को बिना तोड़े ही एक से अधिक या अनेक अर्थ निकलते हों वहां पर अभंग श्लेष अलंकार होता है।जैसे :- रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुस, चून।।अर्थ – यह दोहा रहीम जी का है जिसमें रहीम जी ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है जिसमें पानी का पहला अर्थ आदमी या मनुष्य के संदर्भ में है जिसका मतलब विनम्रता से है क्योंकि मनुष्य में हमेशा विनम्रता होनी चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ चमक या तेज से है जिसके बिना मोतियों का कोई मूल्य नहीं होता है। पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे को गूथने या जोड़ने में दिखाया गया है क्योंकि पानी के बिना आटे का अस्तित्व नम्र नहीं हो सकता है और मोती का मूल्य उसकी चमक के बिना नहीं हो सकता है उसी तरह से मनुष्य को भी अपने व्यवहार को हमेशा पानी की ही भांति विनम्र रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है।2. सभंग श्लेष अलंकार :- जिस अलंकार में शब्दों को तोडना बहुत अधिक आवश्यक होता है क्योंकि शब्दों को तोड़े बिना उनका अर्थ न निकलता हो वहां पर सभंग श्लेष अलंकार होता है।जैसे :- सखर सुकोमल मंजु, दोषरहित दूषण सहित।2. अर्थालंकार क्या होता हैजहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है।अर्थालंकार के भेदउपमा अलंकाररूपक अलंकारउत्प्रेक्षा अलंकारद्रष्टान्त अलंकारसंदेह अलंकारअतिश्योक्ति अलंकारउपमेयोपमा अलंकारप्रतीप अलंकारअनन्वय अलंकारभ्रांतिमान अलंकारदीपक अलंकारअपहृति अलंकारव्यतिरेक अलंकारविभावना अलंकारविशेषोक्ति अलंकारअर्थान्तरन्यास अलंकारउल्लेख अलंकारविरोधाभाष अलंकारअसंगति अलंकारमानवीकरण अलंकारअन्योक्ति अलंकारकाव्यलिंग अलंकारस्वभावोती अलंकार1. उपमा अलंकार क्या होता है :-उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।जैसे :- सागर-सा गंभीर ह्रदय हो,गिरी-सा ऊँचा हो जिसका मन।उपमा अलंकार के अंग :-उपमेयउपमानवाचक शब्दसाधारण धर्म1. उपमेय क्या होता है :- उपमेय का अर्थ होता है – उपमा देने के योग्य। अगर जिस वस्तु की समानता किसी दूसरी वस्तु से की जाये वहाँ पर उपमेय होता है।2.उपमान क्या होता है :- उपमेय की उपमा जिससे दी जाती है उसे उपमान कहते हैं। अथार्त उपमेय की जिस के साथ समानता बताई जाती है उसे उपमान कहते हैं।3. वाचक शब्द क्या होता है :- जब उपमेय और उपमान में समानता दिखाई जाती है तब जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे वाचक शब्द कहते हैं।4. साधारण धर्म क्या होता है :- दो वस्तुओं के बीच समानता दिखाने के लिए जब किसी ऐसे गुण या धर्म की मदद ली जाती है जो दोनों में वर्तमान स्थिति में हो उसी गुण या धर्म को साधारण धर्म कहते हैं।उपमा अलंकार के भेद :-पूर्णोपमा अलंकारलुप्तोपमा अलंकार1. पूर्णोपमा अलंकार क्या होता है :- इसमें उपमा के सभी अंग होते हैं – उपमेय, उपमान, वाचक शब्द, साधारण धर्म आदि अंग होते हैं वहाँ पर पूर्णोपमा अलंकार होता है।जैसे :- सागर-सा गंभीर ह्रदय हो,गिरी-सा ऊँचा हो जिसकMARK IT AS BRAINLIST ANSWER DEAR PLS | |