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अन्तर समझाइए :सरकारी कम्पनी तथा सार्वजनिक निगम |

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सरकारी कम्पनी तथा सार्वजनिक निगम :

अंतर के मुद्देसरकारी कम्पनी (Govt. Company)सार्वजनिक निगम (Public Corporation)
अर्थकम्पनी अधिनियम के अनुसार कम्पनी की स्थापना करके सार्वजनिक साहस की प्रवृत्ति करनेवाली इकाई को कम्पनी के रूप में पहचाना जाता है । जैसे : H.M.T.संसद या विधान सभा में विशेष कानून प्रसारित करके सार्वजनिक हित के लिए स्थापित की गई संस्था को सार्वजनिक निगम कहते हैं ।
जैसे – जीवन बीमा निगम ।
कानून1956 के कम्पनी अधिनियम के अनुसार स्थापना होती है ।निगम की रचना के लिए विशेष कानून प्रसारित किया जाता है ।
सरकारी हस्तक्षेपसरकारी हस्तक्षेप का प्रमाण अधिक रहता है ।सरकारी कम्पनी की तुलना में सरकारी हस्तक्षेप का प्रमाण निगम में कम रहता है ।
स्वायत्ततानिगम की तुलना में कम स्वायत्तता प्राप्त है ।निगम कानून की मर्यादा में रहकर संपूर्ण स्वायत्तता का उपयोग कर सकता है ।
पूँजीसरकारी कम्पनी में सरकार को अधिक पूंजी का विनियोग करना पड़ता है ।सरकारी कम्पनी की तुलना में कम पूंजी की आवश्यकता पड़ती है ।
वित्तीय व्यवस्थाआवेदन-पत्र तथा नियमन-पत्र में आवश्यक परिवर्तन किये जा सकते हैं ।संपूर्ण पूंजी-विनियोग सरकार का होता है । उधार पूंजी निजी रहती है ।
परिवर्तनशीलताआवेदन-पत्र तथा नियमन-पत्र में आवश्यक परिवर्तन किये जा सकते हैं ।निगम के संलग्न कानून में आवश्यक परिवर्तन किये जा सकते हैं ।
ब्यौरों की गुप्ततासरकारी कम्पनी में ब्यौरों की गुप्तता नहीं बनी रहती ।निगम आवश्यक बातों को निर्धारित समय तक गुप्त रख सकता है ।
अनुकूलताअंशत: निजी पूंजी तथा सरकारी पीठबल की जरूरतवाली इकाई के लिए यह स्वरुप उचित है ।बड़े पैमाने के उद्योगों के लिए सार्वजनिक निगम का स्वरुप अधिक योग्य तथा अनुकूल रहता है ।



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