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अनुप्रास अलंकार कीपरिभाषा तथाउदाहरण​

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अनुप्रास अलंकार – अनुप्रास अलंकार में एक ही व्यंजन की आवृत्ति बार-बार होती है। अनुप्रास का अर्थ है वस्तु को अनुक्रम में रखना।

इसके तीन भेद है – छेकानुप्रास , वृत्यनुप्रास , लाटानुप्रास।

अनुप्रास अलंकार उदाहरण –

1.मुदित महिपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत बुलाए ( ‘म’ और ‘स’ की आवृत्ति )

2.बंदौ गुरु पद पदुम परगा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा ( ‘प’ और ‘स’ की आवृत्ति )

3.चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ( ‘च’ की आवृत्ति )

4.विमल वाणी ने वीणा ली ( ‘व’ की आवृत्ति )

5.रघुपति राघव राजा राम ( ‘र’ की आवृत्ति )

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