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अपने मित्र को माता पिता की आज्ञा मानने के लिए परामर्श देते हुए पत्र लिखें​

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ANSWER:

अनौपचारिक-पत्र का प्रारुप –

  • ► (प्रेषक-लिखने वाले का पता)
  • ► दिनांक …
  • ► संबोधन …
  • ► अभिवादन …
  • ► पहला अनुच्छेद …(कुशल-मंगल समाचार)
  • ► दूसरा अनुच्छेद …(विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
  • ► तीसरा अनुच्छेद …(समाप्ति)
  • ► प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
  • ► प्रेषक का नाम …

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आवश्यक पत्र :-

सठियांव

मुबारकपुर,आजमगढ़

उत्तर प्रदेश

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दिनांक - 19 फरवरी 2021

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प्रिय अनिकेत,

सदा खुश रहो, मैं यहाँ कुशल मंगल हूं आशा करता हूं की तुम्हारे घर पे भी सभी लोग ठीक होंगे। मुझे चाची जी का पत्र प्राप्त हुआ और मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ की तुम उनकी बात नहीं मानते हो। यह अच्छे संस्कार नहीं हैं। वह तुम्हें बहुत प्यार करती हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं की तुम उनकी बात न मानो । बड़ो की सेवा करना हमारा परम कर्तव्य होता है। वह दिनों - रात तुम्हारे काम करती हैं तो क्या तुम उनके छोटे-छोटे काम भी नहीं कर सकते। उन्हें भी बहुत दुख होता है, जब तुम उनकी बात नहीं मानते हो। उन्हें तुमसे बहुत आशा रहती है।

तो मुझे आशा है की तुम मेरी बात समझ गये होगे। अपना खयाल रखना और चाची और चाचा जी को मेरा प्रणाम।

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तुम्हारा परम मित्र

\sf{@LoveYouHindi}

पत्र लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें -

पत्र लिखित समय ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं

  • पत्र लिखते समय प्रारम्भ में पत्र-लेखक व पत्र-प्राप्तकर्ता का नाम व पता दिनांक के साथ लिखा जाना चाहिए।
  • पत्र में अनावश्यक बातों का विस्तार न देकर संक्षिप्त में अपनी बात प्रभावपूर्ण तरीके से कही जानी चाहिए।
  • पत्र लिखते समय कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कहने की कोशिश करनी चाहिए।
  • पत्र की भाषा मधुर, आदरसूचक एवं सरल होनी चाहिए।
  • पत्र की समाप्ति इस प्रकार होनी चाहिए कि पत्र का सन्देश स्पष्ट हो सके।


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