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अपने मित्र को माता पिता की आज्ञा मानने के लिए परामर्श देते हुए पत्र लिखें |
Answer» अनौपचारिक-पत्र का प्रारुप –
⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ आवश्यक पत्र :-▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ सठियांव मुबारकपुर,आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ ⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ प्रिय अनिकेत, सदा खुश रहो, मैं यहाँ कुशल मंगल हूं आशा करता हूं की तुम्हारे घर पे भी सभी लोग ठीक होंगे। मुझे चाची जी का पत्र प्राप्त हुआ और मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ की तुम उनकी बात नहीं मानते हो। यह अच्छे संस्कार नहीं हैं। वह तुम्हें बहुत प्यार करती हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं की तुम उनकी बात न मानो । बड़ो की सेवा करना हमारा परम कर्तव्य होता है। वह दिनों - रात तुम्हारे काम करती हैं तो क्या तुम उनके छोटे-छोटे काम भी नहीं कर सकते। उन्हें भी बहुत दुख होता है, जब तुम उनकी बात नहीं मानते हो। उन्हें तुमसे बहुत आशा रहती है। तो मुझे आशा है की तुम मेरी बात समझ गये होगे। अपना खयाल रखना और चाची और चाचा जी को मेरा प्रणाम। ⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ तुम्हारा परम मित्र ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ पत्र लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें -पत्र लिखित समय ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं
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