1.

बालक की शिक्षा में घर-परिवार के योगदान को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

बालक की शिक्षा में घर-परिवार का योगदान
(Contribution of Family in Child’s Education)

बालक की शिक्षा की प्रक्रिया घर-परिवार से ही प्रारम्भ होती है। शिक्षा अपने आप में एक अत्यधिक व्यापक एवं बहुपक्षीय प्रक्रिया है। शिक्षा की प्रक्रिया के प्रत्येक पक्ष में घर-परिवार का सर्वाधिक योगदान है। सर्वप्रथम हम कह सकते हैं कि बालक को भाषा का ज्ञान परिवार द्वारा ही प्रदान किया जाता है। भाषा का ज्ञान औपचारिक शिक्षा अर्जित करने के लिए अनिवार्य शर्त है। शिक्षा के लिए शिष्टाचार एवं अच्छी आदतों की भी आवश्यकता होती है। परिवार इस कार्य में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। परिवार ही बालक की आदतों, रुचियों एवं कुछ अभिवृत्तियों के विकास में आधारभूत योगदान प्रदान करता है। शिक्षा के लिए बालक का शारीरिक, मानसिक, भावात्मक एवं सांस्कृतिक विकास भी आवश्यक होता है।

विकास के इन विभिन्न पक्षों में घर-परिवार का उल्लेखनीय योगदान होता है। शिक्षा का एक पक्ष व्यावसायिक शिक्षा भी है। बालक की व्यावसायिक शिक्षा में भी घर-परिवार द्वारा महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान किया जाता है। पारम्परिक रूप से प्रत्येक परिवार का कोई-न-कोई पारिवारिक व्यवसाय होता था। इस दशा में परिवार के बालक स्वाभाविक रूप से ही अपने पारिवारिक व्यवसाय के प्रति उन्मुख हो जाते थे तथा उन्हें परिवार में अपने व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त हो जाता था। आज भी परिवार का वातावरण बालक के व्यवसाय-वरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन सबके अतिरिक्त यह भी सत्य है कि बालक की सम्पूर्ण औपचारिक शिक्षा की व्यवस्था में भी परिवार का विशेष योगदान होता है।



Discussion

No Comment Found