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'बड़े भाई साहब' पाठ में छोटे और बड़ों को क्या सीख दी गई है, लगभग 80-100 शब्दों में स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» बड़े भाई साहब' कहानी प्रेमचंद द्वारा रचित है। प्रेमचंद की कहानियाँ हमेशा शिक्षाप्रद रही हैं। उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किसी-न-किसी समस्या पर प्रहार किया है। बड़े भाई साहब समाज में समाप्त हो रहे, कर्तव्यों के अहसास को दुबारा जीवित करने का प्रयास मात्र है। इस कहानी में बड़े भाई साहब अपने कर्तव्यों को संभालते हुए, अपने भाई के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा कर रहे हैं। उनकी उम्र इतनी नहीं है, जितनी उनकी ज़िम्मेदारियाँ है। लेकिन उनकी ज़िम्मेदारियाँ उनकी उम्र के आगे छोटी नज़र आती हैं। वह स्वयं के बचपन को छोटे भाई के लिए तिलाजंलि देते हुए भी नहीं हिचकिचाते हैं। उन्हें इस बात का अहसास है कि उनके गलत कदम छोटे भाई के भविष्य को बिगाड़ सकते हैं। वह अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। एक चौदह साल के बच्चे द्वारा उठाया गया कदम छोटे भाई के उज्जवल भविष्य की नींव रखता है। यही आदर्श बड़े भाई को छोटे भाई के सामने और भी ऊँचा बना देते हैं। यह कहानी सीख देती है कि मनुष्य उम्र से नहीं अपने किए गए कामों और कर्तव्यों से बड़ा होता है। वर्तमान युग में मनुष्य विकास तो कर रहा है परन्तु आदर्शों को भुलता जा रहा है। भौतिक सुख एकत्र करने की होड़ में हम अपने आदर्शों को छोड़ चुके हैं। हमारे लिए आज भौतिक सुख ही सब कुछ है। अपने से छोटे और बड़ों के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियाँ हमारे लिए आवश्यक नहीं है। प्रेमचंद ने इन्हीं कर्तव्यों के महत्व को सबके सम्मुख रखा है। |
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