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Answer» जब किसी देश की जनसंख्या इसके प्राकृतिक साधनों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ती है तो उसका देश के साधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में प्रत्येक 10 वर्ष के बाद जनगणना होती है। सन् 1921 तक भारत की जनसंख्या कुछ घटती-बढ़ती रही अथवा स्थिर रही, परन्तु 1921 के पश्चात् जनसंख्या निरन्तर बढ़ रही है। जनसंख्या की इस वृद्धि के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है - निम्न जीवन स्तर- अन्य देशों के जीवन स्तर के मुकाबले में भारतीय लोगों का जीवन स्तर बहुत निम्न है। यह समस्या वास्तव में जनसंख्या की वृद्धि के कारण ही उत्पन्न हुई है।
- वनों की कटाई- बढ़ती हुई जनसंख्या को आवास देने तथा भोजन जुटाने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ती है, ताकि कृषि का विस्तार किया जा सके। यह भूमि वनों को काट कर प्राप्त की जाती है। इसके कारण वनों के कटाव से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं; जैसे- भूमि का कटाव, बाढ़ों का अधिक आना, पर्यावरण का प्रदूषित होना तथा वन्य सम्पदा की हानि।
- पशुओं के लिए चारे का अभाव- भारत में केवल चार प्रतिशत क्षेत्र पर चरागाहें हैं। जनसंख्या की समस्या के कारण यदि इन्हें भी कृषि अथवा आवासों के निर्माण के लिए प्रयोग किया गया तो पशुओं के लिए चारे की समस्याएं और भी जटिल हो जाएंगी।
- भूमि पर दबाव- जनसंख्या की वृद्धि का सीधा प्रभाव भूमि पर पड़ता है। भूमि एक ऐसा साधन है जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता। यदि भारत की जनसंख्या इस प्रकार बढ़ती रही तो भूमि पर भी दबाव पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों का और भी अधिक अभाव हो जाएगा।
- खनिजों का अभाव- हम बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं को उद्योगों का विकास करके पूरा कर रहे हैं, परन्तु उद्योगों के विकास के लिए खनिजों की और भी अधिक आवश्यकता होगी। परिणामस्वरूप हमारे खनिजों के भण्डार शीघ्र समाप्त हो जाएंगे।
- पर्यावरण की समस्या- जनसंख्या में वृद्धि के कारण पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु की आपूर्ति एक समस्या बन गई है। वनस्पति की कमी के कारण ऑक्सीजन की भी कमी हो रही है।
समस्या का समाधान-जनसंख्या की वृद्धि की समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाए किए जाने चाहिए- - सीमित परिवार योजनाओं को अधिक महत्त्व देना चाहिए।
- लोगों को फिल्मों, नाटकों तथा अन्य साधनों द्वारा सीमित परिवार का महत्त्व समझाया जाए।
- देश में अनपढ़ता को दूर करने का प्रयास किया जाए ताकि लोग स्वयं भी बढ़ती हुई जनसंख्या की हानियों को समझ सकें। स्त्री शिक्षा पर विशेष बल दिया जाए।
- विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि की जाए ताकि विवाह छोटी आयु में न हो सकें।
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