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भारत में लिंग अनुपात के राज्य स्तरीय प्रारूप का विस्तार से वर्णन कीजिए।

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लिंग अनुपात से अभिप्राय है- प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की औसत संख्या। लिंग अनुपात को आजकल समाज में स्त्री के सम्मान को आंकने का पैमाना भी माना जाता है। अधिकतर धनी देशों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों के बराबर है या उससे अधिक। विकसित देशों में 1050 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष हैं, जबकि विकासशील देशों में यह औसत 964 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष है। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग अनुपात 944 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष हैं। यह औसत विश्व की सबसे कम औसतों में से एक है।

राज्य स्तरीय प्रारूप- देश के सभी राज्यों में लिंग अनुपात एक समान नहीं है। भारत के केवल दो ही राज्य ऐसे हैं। जहां लिंग अनुपात स्त्रियों के पक्ष में है। ये राज्य है-केरल तथा तमिलनाडु। केरल में प्रति हज़ार पुरुषों पर 1099 स्त्रियां (2011 में) हैं। देश के अन्य राज्यों में अनुपात पुरुषों के पक्ष में है अर्थात् इन राज्यों में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या कम है जो निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है

  1. पंजाब 899
  2. हरियाणा 885
  3. राजस्थान 935
  4. बिहार 912
  5. उत्तर प्रदेश 910
  6. तमिलनाडु 1000

लिंग अनुपात से राज्य प्रारूप में से एक बात और भी स्पष्ट हो जाती है कि देश के उत्तरी राज्यों में दक्षिणी राज्यों की तुलना में लिंग अनुपात कम है। यह बात समाज में स्त्री के निम्न स्थान को दर्शाती है। यह निःसन्देह एक चिन्ता का विषय है।



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