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Answer» भारत में कृषि क्षेत्र में बीज, खाद और साधनों में आये परिवर्तनों को टेक्निकल सुधारों में गिना जाता है । सिंचाई के लिए किसान पहने हल, रहेटं का उपयोग करता था अब सबमर्सिबल, मोनो ब्लोक पंप, सोलर पंप, टपक सिंचाई और फुवारा पद्धति का उपयोग करता है । - सायनिक खाद, DAP, NPK, युरिया तथा जैविक खाद, प्रवाही जैविक खाद, बायोटेक बिजों आदि का उपयोग होता है ।
- किसान फसल संरक्षण के लिए जंतुनाशक दवाओं और जैविक नियंत्रक का उपयोग करता है ।
- सरकार द्वारा किसानों को रेडियो, टी.वी., समाचारपत्रों, DD किसान चेनल, मोबाईल पर किसान sms, टोल फ्री नंबर 1800 180 1551 (किसान कोल सेन्टर), सरकार की किसान वेब पोर्टल, i-किसान तथा agri market जैसी मोबाइल एप द्वारा सतत जानकारी, नई तकनिकी और मार्गदर्शन देती है ।
- ग्रामीण क्षेत्रों में संशोधन और नई तकनीकि का प्रचार-प्रसार ग्राम सेवकों द्वारा किसानों तक पहुँचाया जाता है ।
- सरकार ने प्रत्येक जिले के मुख्यालय केन्द्रों पर किसान प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है, जो किसानों को प्रशिक्षित करती है ।
- प्रत्येक राज्य में कृषि विश्व विद्यालय और कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की गयी है ।
- गुजरात में दांतीवाड़ा, जूनागढ़, आणंद और नवसारी में कृषि विश्व विद्यालयों की स्थापना की गयी है, जो कृषि क्षेत्र में नये संशोधन करते है और कृषि विशेषज्ञ तैयार करते है ।
- कृषिक्षेत्र में संशोधन करनेवाली ICAR और DARE आदि संस्थाएँ राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत है ।
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