1.

बन्धन ऊर्जा से क्या तात्पर्य है? यदि प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा ऐल्फा (α) कणों के द्रव्यमान क्रमशः 1.00728 amu, 1.00867 amu तथा 4.00150 amu हों, तो α कण की प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा ज्ञात कीजिए। [1 amu= 931 MeV] 

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बन्धन ऊर्जा: 

किसी नाभिक की बन्धन ऊर्जा वह न्यूनतम ऊर्जा है जो नाभिक के न्यूक्लिऑनों को अनन्त दूरी तक अलग-अलग करने के लिए आवश्यक है

प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा: 

α कण हीलियम 2He4 का नाभिक है। जिसमें दो प्रोटॉन तथा दो न्यूट्रॉन होते हैं। 

∵ दो प्रोटॉनों का द्रव्यमान = 2 x 1.00728 = 2.01456 amu 

दो न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान = 2 x 1.00867 = 2.01734 amu 

इनका योग = 4.03190 amu

अतः द्रव्यमान क्षति Δm = न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान – α कण का द्रव्यमान 

= 4.03190 amu – 4.00150 amu = 0.03040 amu 

1 amu के तुल्य ऊर्जा 931 MeV होती है। 

अतः 0.03040 के तुल्य ऊर्जा, Δ E = 0.03040 x 931 = 28.3 MeV 

यह α कण की बन्धन ऊर्जा है। 

α  कण में 4 न्यूक्लिऑन (2 प्रोटॉन व 2 न्यूट्रॉन) होते हैं। अतः प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा △E/4

= 28/3 = 7.07 MeV



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