1.

`C_(3)H_(7)NO` अणुसूत्र वाला एक यौगिक A जल-अपघटन पर एक ऐमिन (B) तथा एक कार्बोक्सिलिक अम्ल (C) देता है। ऐमिन (B) बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड के साथ क्रिया करके एक उत्पाद बनती है, जो NaOH में अविलेय होता है। अम्ल (C) टॉलन अभिकर्मक के साथ रजत दर्पण बनता है (A),(B) तथा (C) की पहचान कीजिए एव निहित अभिक्रियाए लिखिए।

Answer» Correct Answer - `H-overset(O)overset(||)C_N(CH_(3))_(2),(CH_(3))_(2)NH,HCOOH`
चूँकि ऐमिन (B ) बेन्जिल सल्फोनिल क्लोराइड के साथ अभिक्रिया करके एक उत्पाद बनता है, जो NaOH में अविलेय होता है। अतः B एक द्वितीयक ऐमिन होना चाहिए।
पुनः A के जल-अपघटन पर ऐमिन (B ) तथे एक कार्बोक्सिलिक अम्ल प्राप्त होता है। अम्ल रजत दर्पण परीक्षण देता है। अतः योगतिक `A(C_(3)H_(7)NO)N,N-`डाइमेथिलमेथेनामाइड होना चाहिए। दी गयी अभिक्रियाओं को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
`underset("N-N-डाइमेथिलमेथेनामाइड")(H-overset(O)overset(।।)C-N(CN_(3))_(2))+H_(2)Oto`
`underset((C))underset("मेथेनोइक अम्ल")(H-overset(O)overset(।।)C-N(CH_(3))_(2))+underset((B))underset("N-मैथिलमेथेनामिन")((CH_(3))_(2)NH)`
`underset((B))((CH_(3))_(2)NH)+C_(6)H_(5)SO_(2)Cloverset(NaOH)to`
`underset("सल्फोनामाइड (NaOH में अविलेय)")underset("N,N-डाइमेथिलबेन्जिन")(C_(6)H_(5)SO_(2)-N(CH_(3))_(2))+HCl`
मेथेनोइक अम्ल (हकूह) टालन अभिकर्मक के साथ रजक दर्पण (silver mirror) बनता है। -
`HCOOH+2[Ag(NH_(3))_(2)]NO_(3)+H_(2)Oto2Ag+2NH_(4)NO_(3)+(NH_(4))_(2)CO_(3)`
अतः यौगिक (A ),(B ) तथा (C ) क्रमशः `H-overset(O)overset(।।)C-N(CH_(3))_(2),(CH_(3))_(2)NH` तथा HCOOH है।


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