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Charitra chitran of dr. chadha in mantra by premchand in 250-300 words (character sketch) |
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Answer» ANSWER: प्रेमचंद ने मंत्र कहानी में डॉ. चड्डा के माध्यम से मानवीय मूल्यों के बिखराव को मार्मिक रूप से समेटते हुए अंकित किया है। चड्डा पेशेवर डॉक्टर है । नैतिक मूल्यों को भूलकर अभिजात्य वर्ग का जीवन व्यतीत करना उन्हें पसंद है। डॉ. चड्डा में अभिजात्य वर्ग का दंभ है। मानव उपचार सेवा को व्यवसाय माननेवाले को डॉ. चड्डा मानवीय भावनाओं से कोई सरोकार नही | उन्हें अपनी व्यक्तिगत जीवन शैली का ध्यान है | वे यह नही सोचते कि मरीज़ की हालत क्या है? वे समय सीमा में बंधकर काम करते थे। पद और प्रतिष्ठा का मद डॉ. चड्डा द्वारा कहे हुए शब्दों में झलकता है – ‘कल सबेरे आओ, कल सबेरे, हम इस वक़्त मरीज़ों को नहीं देखते।....यह हमारे खेलने का समय है।‘ अभिजात्य समाज में इस प्रकार की घटना एक आम बात है | उनके अपने आमोद – प्रमोद के समक्ष वे किसी बात की परवाह नहीं करते | कहानी में सभ्य संसार की निर्ममता और कठोरता का चित्रांकन हुआ है । पाश्चात्य संस्कृति का अन्धानुकरण करने वाले डॉ. चड्डा मानव सेवा-शूश्रुषा को भी एक धंधा समझ बैठते है । भगत के प्रत्युप्कार और स्वयं के पुत्र कैलाश के प्राण-हानी के भय और पीड़ा से कहानी के अंत में डॉ. चड्डा का ह्रदय – परिवर्तन होता है जो शिक्षाप्रद है | चिकित्सा के पथ पर प्रविष्ट दो चिकित्सकों की मनोवृत्तियों का मर्मस्पर्शी चित्रण है प्रेमचंद की कहानी “मंत्र” । कहानी में अभिजात्य वर्ग के अहं को भगत की मानवीय संवेदनाओं के द्वंद से उबरती सद्वृति और निष्काम कर्म की विजय से परास्त करके मानवीय मूल्यों का आरोपण हुआ है ।
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