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डिबेन्चर बट्टा अर्थात् क्या ?

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कंपनी के आर्टिकल्स में अगर कोई नियंत्रण न हो तब कंपनी मूलकिंमत की अपेक्षा कम किंमत से डिबेन्चर बाहर प्रकाशित कर सकती है, यह कम ली गई रकम ‘बट्टा’ कहलाती है । जब बट्टे से डिबेन्चर बाहर प्रकाशित किया जाये तब जो रकम कंपनी को मिले वह बैंक खाते उधार होती है, बट्टे की रकम ‘डिबेन्चर बट्टा’ खाते उधार होती है और डिबेन्चर की पूरी किंमत डिबेन्चर खाते जमा होती है ।



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