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दिए गए गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।विज्ञान की प्रगति के कारण नयी चीजों का निरंतर आविष्कार होता रहता है। जब कभी नया आविष्कार होता है, उसे एक नयी संज्ञा दी जाती है। जिस देश में उसकी सृष्टि की जाती है वह देश उस आविष्कार के नामकरण के लिए नया शब्द बनाता है; वही शब्द प्रायः अन्य देशों में बिना परिवर्तन के वैसे ही प्रयुक्त किया जाता है। यदि हर देश उस चीज के लिए अपना-अपना अलग नाम देता रहेगा, तो उस चीज को समझने में ही दिक्कत होगी। जैसे रेडियो, टेलीविजन, स्पुतनिक।(i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(iii) कौन-सा देश किसी आविष्कृत चीज के नामकरण के लिए नया शब्द देता है?(iv) यदि हर देश आविष्कृत चीजों को अपना-अपना अलग नाम देता रहे तो क्या होगा?(v) नई चीजों के आविष्कार होने का क्या कारण है?

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(i) प्रस्तुत गद्यावतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘गद्य-गरिमा’ में संकलित तथा श्रेष्ठ विचारक वे निबन्धकार जी० सुन्दर रेड्डी द्वारा लिखित ‘भाषा और आधुनिकता’ शीर्षक शोधपरक निबन्ध से अवतरित है।
अथवा
पाठ का नाम- 
भाषा और आधुनिकता।।
लेखक का नाम-प्रो०जी० सुन्दर रेड्डी।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या-लेखक का कथन है कि यदि कोई विदेशी शब्द अपने भाव का सम्प्रेषण करने में सक्षम है तो उसमें परिवर्तन नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए-आज प्रत्येक देश में विज्ञान के क्षेत्र में भिन्न-भिन्न आविष्कार हो रहे हैं और उन्हें नये-नये नाम दिये जा रहे हैं। प्रत्येक देश अपने द्वारा आविष्कृत वस्तु का अपनी भाषा के अनुसार नामकरण कर रहा है और दूसरे देशों में भी वही नाम प्रचलित होता जा रहा है।

(iii) जिस देश में किसी चीज की सृष्टि की जाती है वही देश उस आविष्कृत चीज के नामकरण के लिए नया शब्द देता है।

(iv) यदि हर देश आविष्कृत चीजों को अपना-अपना अलग नाम देता रहे तो उस चीज को समझने में दिक्कत होगी।

(v) नई चीजों के आविष्कार होने का कारण विज्ञान की प्रगति है।



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