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द्रवरागी (द्रव-स्नेही) एवं द्रवविरागी (द्रव-विरोधी) सॉल क्या होते है ? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए | द्रव-विरोधी सॉल आसानी से स्कंदित क्यों हो जाते है ?

Answer» द्रव-स्नेही तथा द्रव-स्नेही कोलॉइडी विलयन अध्याय में देखिये | कोलॉइडी कणों पर धनावेश या ऋणावेश विधमान होता है | जब किसी द्रव-विरोधी कोलॉइड में वैधुत अपघट्य मिलाया जाता है, तो कोलॉइडी कणों पर उपस्थित आवेश उदासीन हो जाता है | कोलॉइडी कण समीप आकर जुड़ जाते है तथा अवक्षेपित होकर नीचे बैठ जाते है |
द्रव-स्नेही कोलॉइडी विलयन आवेश के साथ-साथ जलयोजित होने के कारण अधिक स्थायी होते है | द्रव-स्नेही कोलॉइड का स्कन्दन करने के लिए कोलॉइडी कणों पर उपस्थित विलायक के अणुओं को पृथक करना आवश्यक होता है इसके लिए जलीय कोलॉइडी विलयन में पहले एथिल ऐल्कोहॉल या ऐसीटोन मिलाते है | इसके बाद वैधुत अपघट्य मिलाकर आवेश उदासीन करते है


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