InterviewSolution
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दसवें नियम के अनुसार मनुष्य सर्वहितकारी नियम पालने में परतंत्र है। से क्या अभिप्राय है? * जिन कार्यों को करने से समाज या राष्ट्र का अहित होने की आशंका हो वहां स्वतंत्र नहींदूसरों की भलाई के काम करने में आज़ाद नहीं।दूसरों की भलाई का सोचने के लिए आज़ाद नहीं |
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Answer» tion:मनुष्य को विधिप्रदत्त अनेक अधिकार प्राप्त हैं। मनुष्य जाति, समय समय पर, उन अधिकारों के प्रवर्तन के लिये अनेक विधिक उपायों (LEGAL rights) की उद्भावना करती आई है। भारत में विधिक उपायों का स्थूल विभाजन दो श्रेणियों में किया जा सकता है -मनुष्य को विधिप्रदत्त अनेक अधिकार प्राप्त हैं। मनुष्य जाति, समय समय पर, उन अधिकारों के प्रवर्तन के लिये अनेक विधिक उपायों (legal rights) की उद्भावना करती आई है। भारत में विधिक उपायों का स्थूल विभाजन दो श्रेणियों में किया जा सकता है -(1) संवैधिक (statutory), तथामनुष्य को विधिप्रदत्त अनेक अधिकार प्राप्त हैं। मनुष्य जाति, समय समय पर, उन अधिकारों के प्रवर्तन के लिये अनेक विधिक उपायों (legal rights) की उद्भावना करती आई है। भारत में विधिक उपायों का स्थूल विभाजन दो श्रेणियों में किया जा सकता है -(1) संवैधिक (statutory), तथा(2) संवैधानिक उपचार (CONSTITUTIONAL remedies)। |
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