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द्वि-ध्रुवीय विश्व के अर्थ की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् एक महत्त्वपूर्ण घटना यह घटी कि अधिकांश महाशक्तियाँ कमजोर हो गईं और केवल अमेरिका और रूस ही ऐसे देश बचे जो अब भी शक्तिशाली कहला सकते थे। इस प्रकार युद्ध के दौरान शक्ति का एक नया ढाँचा विश्व स्तर पर उभरा जिसमें केवल दो ही महाशक्तियाँ थीं जो अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावशाली थीं। ये शक्तियाँ थीं सोवियत रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका। मॉर्गन्थो के अनुसार, “द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस की अन्य देशों की तुलना में शक्ति इतनी अधिक बढ़ गई थी कि वे स्वयं ही एक-दूसरे को सन्तुलित कर सकते थे। इस प्रकार शक्ति सन्तुलन बहु-ध्रुवीय से द्वि-ध्रुवीय में बदल गया था।” |
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