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Answer» द्वितीयक सामग्री का प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रक्नी चाहिए ⦁ पिछला अनुसंधानकर्ता योग्य, कार्यकुशल, ईमानदार व अनुभवी होना चाहिए। ⦁ उद्देश्य एवं क्षेत्र समान होना चाहिए। ⦁ न्यादर्श का आकार उपयुक्त होना चाहिए। ⦁ समंक संकलन के लिए अपनाई गई रीति विश्वसनीय होनी चाहिए। ⦁ इकाई उपयुक्त होनी चाहिए। ⦁ शुद्धता का स्तर ऊँचा होना चाहिए। ⦁ उपसादन कम-से-कम अंशों तक किया जाना चाहिए। ⦁ इस बात की जाँच कर लेनी चाहिए कि समंक किस ‘समय’ में तथा किन ‘परिस्थितियों में प्रयुक्त किए गए थे। ⦁ यदि अनेक स्रोतों से समंक लिए जाएँ तो उनकी तुलनीयता की जाँच कर लेनी चाहिए। ⦁ प्रतिशत, दर, गुणांक आदि की गणना करके उनकी सत्यता की जाँच कर लेनी चाहिए। द्वितीयक समंकों का प्रयोग करते समय यह देख लेना चाहिए कि समंक विश्वसनीय पर्याप्त एवं उपयुक्त
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