1.

एक गैलीलीय दूरबीन बनाने के लिए 50 cm फोकस-दूरी के अभिदृश्यक तथा 5.0 cm फोकस-दूरी की नेत्रिका का प्रयोग किया गया है । (a ) दूरबीन की लम्बाई तथा बहुत दूर की वस्तु को देखने के लिए सामान्य संयोजन की स्थिति में इसके द्वारा उत्पन्न कोणीय आवर्धन ज्ञात करें। (b ) यदि इस दूरबीन को 2.0 m दूरी पर की वस्तु को देखने के लिए फोकस किया जाए, तो पुनः सामान्य संयोजन के लिए कितना कोणीय आवर्धन प्राप्त होगा ?

Answer» (a) गैलीलीय दूरबीन का अभिदृश्यक उत्तल लैंस तथा नेत्रिका अवतल लेंस होती है।
`f_(0)=50cm, f_(e)= -5 cm`.
अतः, दूरबीन की लम्बाई,
`L=f_(0)-|f_(e)|=50cm-5cm=45 cm.`
`therefore` कोणीय आवर्धन,
`m=(f_(0))/(f_(e))=(50cm)/(5 cm)=10.`
(b) अभिदृश्यक के लिए, `u=-200 cm, f_(0)=50cm.`
अतः, `(1)/(v)=(1)/(f_(0))+(1)/(u)`
या `(1)/(v)=(1)/(50cm)+(1)/(-200cm)` या `v=66.7cm.`
`therefore` दूरबीन की लम्बाई,
`L=v-|f_(e)|=66.7cm-5cm=61.7cm.`
कोणीय आवर्धन निकालने के लिए हम मानेंगे की वस्तु 2.0 m की दूरी से ही दूरबीन के देखी जा रही है । ऐसी स्थिति में कोणीय आवर्धन,
`m=(beta)/(alpha)=(v)/(f_(e))=(66.7cm)/(5cm)=13.3.`


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