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| 1. | एक जगह गरम-गरम जलेबियाँ बन रही थीं। बच्चों के लिए थोड़ी-सी खरीद लीं। घर के दरवाजे पर पहुँचे। दरवाजा खुला था। घर के अन्दर पैर रखने में हृदय धड़कता था। न जाने बच्चे किस हालत में हों?(i) किसने और कब जलेबियाँ खरीदीं? जलेबियाँ खरीदने वाले का बच्चों से क्या सम्बन्ध था?(ii) जलेबियाँ खरीदने वाला व्यक्ति कहाँ और क्यों गया था?(iii) सीताराम जी की अनुपस्थिति में बच्चों की देखभाल किसे करनी पड़ती थी? इस बारे में सीताराम जी क्यों चिंतित थे?(iv) इस बार बच्चों की देखभाल किसने और क्यों की? सीताराम जी का उससे कब और कैसे परिचय हुआ था? | 
| Answer» (i) सीताराम ने देश के लिए एक वर्ष की जेल काटी थी। जेल से रिहा होते ही उन्होंने अपने बच्चों के लिए जलेबियाँ खरीदीं। उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था और वे दो बच्चों के पालनपोषण के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में योगदान भी कर रहे थे। (ii) सीताराम को देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के दोष में अंग्रेज़ सरकार द्वारा जेल भेज दिया गया था। (iii) सीताराम जी की अनुपस्थिति में बच्चों की देखभाल कहारिन किया करती थी। वे इस बारे में चिंतित थे कि कहारिन के अपने भी तीन-चार बच्चे थे। उनके साथ दो और बच्चों को सँभालना कठिन कार्य था। (iv) इस बार सीताराम के बच्चों की देखभाल गौरी ने की थी। सीताराम एक बार गौरी को अपने बच्चों की नई माँ के रूप में देखने गए थे। वह राधाकृष्ण जी की पुत्री थी। जब दोनों का संबंध सफल नहीं हो पाया तो सीताराम निराश नहीं हुए। परन्तु जब उन्हें एक साल का कारावास हो गया तो यह समाचार पढ़ते ही गौरी ने उनके बच्चों की माँ बनना स्वीकार कर लिया और उनके पास कानपुर चली गई। | |