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एक सरल लोलक का गोलक एक जल से भरी गेंद है यदि गेंद की तली में एक बारीक छेंद कर दे , तो आवर्तकाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा

Answer» जैसे-जैसे गेंद का जल बाहर निकलता जाता है , इसका आवर्तकाल पहले बढ़ता है तथा फिर घटने लगता है प्रारम्भ में जब गेंद जल से पूरी भरी है, तो लोलक का गुरुत्व-केंद्र गेंद के केंद्र पर है जैसे-जैसे गेंद की तली से जल बाहर निकलता है , लोलक का गुरुत्व-केंद्र गेंद के केंद्र के केंद्र से नीचे जाने लगता है जिससे लोलक की प्रभावी लम्बाई बढ़ने लगती है अतः लोलक का आवर्तकाल भी बढ़ने लगता है जब गेंद आधे से अधिक खाली हो जाती है तो लोलक का गुरुत्व-केंद्र पुनः ऊपर उठने लगता है जिससे लोलक की लम्बाई पुनः घटने लगती है तथा आवर्तकाल भी घटने लगता है जब गेंद पूरी खाली हो जाती है तो लोलक का गुरुत्व-केंद्र पुनः केंद्र पर आ जाता है तथा आवर्तकाल अपने प्रारंभिक मान पर आ जाता है


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