1.

एक ठोस गोले में पदार्थ का घनत्व `p=p_(0) .(a)/(r )` से दिया जाता है। जहाँ `p_(0)` सतह पर घनत्व है और r केंद्र से दूरी दर्शाता है। गोले की त्रिज्या a है। केंद्र से `2a` दूरी पर इस गोले के कारण गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र निकाले ।

Answer» दिया गाया बिंदु गोले के बाहर है। गोले को संकेद्रीय कोशो में विभाजित करने पर प्रत्येक कोश को इसके केंद्र पर स्थित एक बिंदु कण द्वारा प्रतिस्थपित कर सकते है। जिसका द्रव्यमान कोश के द्रव्यमान के बराबर हो । अत: संपूर्ण गोला एक बिंदु कण द्वारा इसके केंद्र पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है। जिसका द्रव्यमान दिए गए गोले के द्रव्यमान के बराबर हो । यदि गोले का कुल द्रव्यमान M हो , तो दिए गए बिंदु पर गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र
`E = (GM)/((2a)^(2)) = (GM)/(4a^(2))`
होगा जिसकी दिशा केंद्र ओर होगी। गोले का द्रव्यमान निकालने के लिए हमें समाकलन का सहारा लेना । होगा। त्रिज्या r तथा r+ dr की संकेद्रीय गोलाकार सतहों बीच जो भाग आ गया उसपर विचार करें।
इसका आयतन `dM= pdV = (p_(0) .(a)/(r )) (4 pi r^(2) dr)`
` =4 pi p_(0) ar dr`
होगा। अत: संपूर्ण गोले का द्रव्यमान
`M= overset(a )underset(0 ) (int) 4 pi p_(0) ar dr =2 pi p_(0) a^(3)`
समीकरण (i) से गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र
`E= (2 pi Gp_(0) a^(3))/(4 a^(2)) = (1)/(2) pi Gp_(0) a`


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