1.

एक वस्तु ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर `9.8km//s` की चाल से भेजी जाती है। कण द्वारा प्राप्त अधितकतम ऊँचाई कीजिए। पृथ्वी की त्रिज्या =6400 km और सतह पर ` g= 9.8 m//s^(2)` लें। केवल पृथ्वी के गुरूवाकर्षण पर विचार करें।

Answer» पृथ्वी की सतह पर पृथ्वी तथा वस्तु के निकाय की स्थितिज ऊर्जा `-(GMm)/( R)` ( सामान्य संकेतो सहिल) है। प्रांरभिक गतिज ऊर्जा `.(1)/(2) mv_(0)^(2)` है। जहाँ `v_(0) = 9.8 km//s` है। अधिकतम उँचाई पर गतिज ऊर्जा शून्य है। यदि तय की गई अधिकतम ऊँचाई H हो , तो इस क्षण पृथ्वी तथा वस्तु के निकाय की स्थितिज ऊर्जा `-(GMm)/(R+ H)` होगी। ऊर्जा के संरक्षण सिद्धांत से
` - (GMm)/(R ) + (1)/(2) mv_(0)^(2) =- (GM m)/(R + H)`
`GM =gR^(2)` ‌लिखकर m द्वारा भाग देने पर
`-gR + (v_(0)^(2))/(2 )= (-gR^(2))/(R + H)`
या `(R ^(2))/(R + H) = R (v_(0)^(2))/(2g )` या ` R + H = (R^(2))/(R- (v_(0)^(2))/(2g))`
दाहिने पक्ष में R `v_(0)` और g का मान रखने पर
`R + H = ((6400 km)^(2))/(6400 km- ((9.8 km//s)^(2))/(2xx 9,8m//s^(2))`
`=(6400 km^(2))/(1500 km) = 27300 km`
या `H= (27300- 6400 ) km =20900 km`


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