1.

`[Fe(CN)_(6)]^(4-)" तथा "[Fe(H_(2)O)_(6)]^(2+)` तनु विलयन में विभिन्न रंग के होते है, क्यों ?

Answer» दोनों संकर आयनों में की ऑक्सीकरण अवस्था +2 तथा विन्यास `3d^(6)` है | अर्थात `Fe^(2+)` आयन में 4 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित है | दुर्बल क्षेत्र प्रभाव के कारण लिगेंड `H_(2)O` की उपस्थिति में विधमान अयुग्मित इलेक्ट्रॉन, युग्मित नहीं होते | सायनाइड `(CN^(-))` लिगेंड के प्रबल क्षेत्र प्रभाव के कारण अयुग्मित इलेक्ट्रॉन, लिगेंड की उपस्थिति में युग्मित हो जाते है | इस प्रकार सायनाइड संकर आयन में `Fe^(2+)` आयन में कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन शेष नहीं बचता | अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या में अन्तर के कारण इन संकर आयनों का रंग अलग-अलग होता है |


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