1.

ईर्ष्या का सम्बन्ध प्रतिदवद्विता से होता है, क्योकि भिखमंगा करोड़पति से ईर्ष्या नहीं करता। यह एक ऐसी बात है जो ईर्ष्या के पक्ष में भी पड़ सकती है, क्योकि प्रतिदवद्विता से भी मनुष्य का विकास होता है। किन्तु, अगर आप संसार-व्यापी सुयश चाहते है, तो आप रसेल के मतानुसार, शायद, नेपोलियन से स्पर्धा करेंगे। मगर, याद रखिए कि नेपोलियन भी सीजर से स्पर्धा करता था और सीजर सिकन्दर से तथा सिकन्दर हरकूलस से, जिस हरकूलस के बारे में इतिहासकारो का यह मत है कि वह कभी पैदा ही नहीं हुआ। ईर्ष्या का एक पक्ष, सचमुच ही लाभदायक हो सकता है, जिसके अधीन हर आदमी, हर जाति और हर दल अपने को प्रतिदवंद्वी का समकक्ष बनाना चाहता है, किन्तु यह तभी सम्भव है, जबकि ईर्ष्या से जो प्रेरणा आती हो, वह रचनात्मक हो। अक्सर तो ऐसा ही होता है कि ईर्ष्यालु व्यक्ति यह महसूस करता है कि चीज है, जो उसके भीतर नहीं है, कोई वस्तु है, जो दूसरो के पास है, किन्तु वह यह नहीं समझ पाता कि इस वस्तु को प्राप्त कैसे करना चाहिए, और गुस्से में आकर वह अपने किसी पड़ोसी, मित्र या समकालीन व्यक्ति को अपने से श्रेष्ठ मानकर उससे जलने लगता है, जबकि वे लोग भी अपने-आपसे, वैसे ही असन्तुष्ट हो।

Answer» (१) ईर्ष्या किससे सम्बन्धित होती है?
(२) इस गद्यखण्ड में मनुष्य के विकास का क्या कारण बताया है?
(३) इतिहासकारो ने कौन सा मत स्पष्ट किया है?
(४) ईर्ष्या के लाभदायकता की सम्भावना कब है?
क्रोध में आकर ईर्ष्यालु व्यक्ति क्या महसूस करता है?


Discussion

No Comment Found