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इनमें कौन-सी त्रुटि अधिक गंभीर है और क्यों?(क) प्रतिचयन त्रुटि(ख) अप्रतिचयन त्रुटि।

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(क) प्रतिचयन त्रुटि – प्रतिचयन त्रुटियाँ प्रतिदर्श आकलन और समष्टि विशेष के वास्तविक मूल्य (जैसे-औसत आय आदि) के बीच अंतर प्रकट करती हैं। यह त्रुटि, तब सामने आती है जब आप समष्टि से प्राप्त किए गए प्रतिदर्श का प्रेक्षण करते हैं। जैसे-देहरादून के 5 कृषकों की आमदनी का उदाहरण लें। मान लें चर x (आमदनी) के मापन 600, 650, 700, 750, 800 हैं।
हमने देखा कि यहाँ समष्टि का औसत (600 + 650 + 700 + 750 + 800) \(\div\) 5 = 3500 \(\div\) 5 = 700 है। अब मान लीजिए कि हम दो कृषकों का एक ऐसा प्रतिदर्श चुनते हैं जहाँ चर (X) का मूल्य 600 व 700 है। तब प्रतिदर्श का औसत ((600 + 700) \(\div\) 2 = 1300 \(\div\) 2 = 650) होता है। यहाँ आकलन की प्रतिचयन त्रुटि है-700 (असली मान) – 650 (आकलन) = 50

(ख) अप्रतिचयन त्रुटियाँ – सर्वेक्षण क्षेत्र से आँकड़ों के संकलन के समय मापन, प्रश्नावली, रिकॉर्डिंग, अंकगणित संबंधी त्रुटियों को अप्रतिचयन त्रुटियाँ कहा जाता है। अप्रतिचयन त्रुटियाँ प्रतिचयन त्रुटियों की अपेक्षा गंभीर होती है।



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