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जनमत के महत्त्व को लिखिए। याआधुनिक जनतन्त्र में जनमत की भूमिका को संक्षेप में समझाइए।

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आधुनिक जनतन्त्र में जनमत की भूमिका
सामान्य रूप से सभी शासन व्यवस्थाओं में जनमत अथवा लोकमत की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, परन्तु प्रजातन्त्र अथवा जनतन्त्र में इसका विशेष महत्त्व होता है। प्रजातान्त्रिक शासन जनमत से ही अपनी शक्ति प्राप्त करता है तथा उसी पर आधारित होता है। इसीलिए जनमत को जनतन्त्र का आधार कहा जाता है। संगठित जनमत ही जनतन्त्र की सफलता तथा सार्थकता की आधारशिला हैं। जनतन्त्र में जनमत की भूमिका को निम्नलिखित आधारों पर स्पष्ट किया जा सकता है।

⦁    शासन की निरंकुशता पर नियन्त्रण – जनतन्त्र में शासन की निरंकुशता पर जनमत के द्वारा नियन्त्रण रखने का कार्य किया जाता है। जनतन्त्र में सरकार को स्थायी बनाने के लिए जनमत के समर्थन तथा सहमति की आवश्यकता होती है। जनमत के बल पर ही सरकारें बनती तथा बिगड़ती हैं।
⦁    सरकारी अधिकारियों पर नियन्त्रण – जनमत द्वारा सरकारी अधिकारियों की आलोचना से उन पर नियन्त्रण रखा जाता है।
⦁    सरकार का पथ-प्रदर्शन – जनतन्त्र में जनमत सरकार का पथ-प्रदर्शन करता है। जनमत से सरकार को इस बात की जानकारी होती है कि जनता किस प्रकार की व्यवस्था चाहती है। तथा उसके हित में किस प्रकार के कानूनों का निर्माण किया जाए।
⦁    सरकार का निर्माण और पतन – जनमत जनतन्त्र का आधार है। जनतन्त्र में सरकार को निर्माण और पतन जनमत पर ही निर्भर करता है। जनमत का सम्मान करने वाला दल सत्ता प्राप्त करता है तथा पुनः सत्ता प्राप्त करने का अवसर बनाए रखता है। जनमत की अवहेलना करने पर शासक दल का स्थान विरोधी दल ले लेता है। ई०बी० शुल्ज के शब्दों में, “जनमत एक प्रबल सामाजिक शक्ति है, जिसकी अवहेलना करने वाला राजनीतिक दल स्वयं अपने लिए संकट आमन्त्रित करता है।”
⦁    जनता और सरकार में समन्वय – जनमत जनता और सरकार के विचारों में समन्वय स्थापित करने की एक कड़ी है।
⦁    नागरिक अधिकारों का रक्षक – जनमत नागरिकों के अधिकारों और स्वतन्त्रता का भी रक्षक होता है। जागरूक और सचेत जनमत शासक वर्ग को जनता के विचारों से परिचित रखता है। इस प्रकार जनमत नागरिकों के अधिकारों और स्वतन्त्रता की रक्षा करता है। स्वतन्त्रता तथा अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक जनमत की आवश्यकता होती है।
⦁    राजनीतिक जागरूकता उत्पन्न करना – जनमत नागरिकों में राजनीतिक जागरूकता उत्पन्न करता है। जनमत से प्रेरित राजनीतिक जागरूकता ही जनतन्त्र का वास्तविक आधार होती है। जनमत द्वारा ही जन-सहयोग प्राप्त किया जाता है।
⦁    नैतिक तथा सामाजिक व्यवस्था की रक्षा – जनमत का सामाजिक क्षेत्र में भी अत्यधिक महत्त्व है। जनमत नैतिक तथा सामाजिक व्यवस्था की रक्षा करता है और नागरिकों का ध्यान महत्त्वपूर्ण सामाजिक प्रश्नों तथा समस्याओं की ओर आकृष्ट करता है।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि जनतन्त्र में जनमत का बहुत अधिक महत्त्व है। गैटिल के अनुसार-“जनतान्त्रिक शासन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि जनमत कितना सबल है। तथा सरकार के कार्यों तथा नीतियों को किस सीमा तक नियन्त्रित कर सकता है।” डॉ० आशीर्वादम् के अनुसार, “जागरूक और सचेत जनमत स्वस्थ जनतन्त्र की प्रथम आवश्यकता है। वास्तव में प्रबुद्ध जनमत लोकतन्त्र का पहरेदार है।



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