1.

जनसंख्या के ग्रामीण नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए।

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निवास के आधार पर जनसंख्या को दो भागों में बाँटा जाता है

(1) ग्रामीण जनसंख्या एवं
(2) नगरीय जनसंख्या।

यह विभाजन आवश्यक है क्योंकि ग्रामीण और नगरीय जीवन आजीविका और सामाजिक दशाओं में एक-दूसरे से अलग होता है। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में अन्तर के आधार हैं—आयु लिंग संघटन, व्यावसायिक संरचना, जनसंख्या का घनत्व तथा विकास का स्तर।

सामान्यत: ग्रामीण क्षेत्र वे होते हैं, जो कि प्राथमिक क्रियाओं में लगे होते हैं जबकि नगरीय क्षेत्र वे होते हैं, जिनकी अधिकांश जनसंख्या गैर-प्राथमिक क्रियाओं में लगी होती है।

पश्चिमी देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। नेपाल, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों में स्थिति इससे विपरीत है। नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की अधिक सम्भावनाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाओं के आगमन के कारण यूरोप, कनाडा और यू०एस०ए० के नगरीय क्षेत्रों में महिलाओं की अधिकता है। कृषि भी इन देशों में अत्यधिक मशीनीकृत है और यह लगभग पुरुष प्रधान व्यवसाय है। इसके विपरीत एशिया के नगरीय क्षेत्रों में पुरुष प्रधान प्रवास होने के कारण लिंगानुपात भी पुरुषों के अनुकूल है।

भारत जैसे देशों में ग्रामीण क्षेत्रों के कृषि कार्यों में महिलाओं की सहभागिता काफी अधिक है। भारत में महिलाओं का नगरीय क्षेत्रों में प्रवास कम होने के कारण हैं-नगरों में आवास का अभाव, रहन-सहन की ऊँची लागत, रोजगार अवसरों की कमी एवं सुरक्षा का अभाव आदि।



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