InterviewSolution
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किसी रॉकेट को मगल के पृष्ठ से ` 2 km s ^(- 1 ) ` की चाल से ऊर्ध्वाधर ऊपर दागा जाता है | यदि मंगल के वातावरणीय प्रतिरोध के कारण इसकी 20 % आरम्भिक ऊर्जा नष्ट हो जाती है , तो मगल के पृष्ठ पर वापस लौटने से पूर्व यह रॉकेट मंगल से कितनी दुरी तक जाएगा? मंगल का द्रव्यमान ` = 6.4 xx 10 ^(23) ` kg , मंगल की त्रिज्या = 3395 km तथा ` G = 6.67 xx 10 ^(-11) N m ^(2) kg ^( - 2 ) ` | |
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Answer» माना मंगल ग्रह का द्रव्यमान M तथा R त्रिज्या है | पुनः माना रॉकेट का द्रव्यमान m है | अतः रॉकेट की मंगल के केंद्र से R दुरी पर (मंगल की सतह पर ) तथा उसके केन्द्र से r दुरी पर स्थितिज ऊर्जा , ` U_R = - (GM m )/(R ) ` तथा ` U _ r = - (GM m )/(r) ` ` therefore ` रॉकेट की स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि , ` U _ r - U _ R = GM m [ (1)/(R) - (1)/(r) ]` स्थितिज ऊर्जा में यह वृद्धि गतिज ऊर्जा के 80 % भाग से प्राप्त होती है ( रॉकेट की 20 % गतिज ऊर्जा मंगल ग्रह के वातावरणीय प्रतिरोध के विरुद्ध व्यय हो जाती है ) अतः ` GM m [ (1)/(R) - (1)/(r)] = (80)/(100) ((1)/(2) mv ^(2)) ` अथवा ` " " (1)/(R) - (1)/(r) = (0.4 v ^(2))/(GM) ` अथवा `" " (1)/(r) = (1)/(R) - (0.4 v ^(2) )/(GM) ` परन्तु R =3395 किमी = ` 3.395 xx 10 ^(6) ` मी, v = 2 किमी /से ` = 2 xx 10 ^(3 ) ` मी /से , `M = 6.4 xx 10 ^( 23) ` किग्रा ` therefore (1)/(r) = (1)/( 3.395 xx 10 ^(6)) - (0.4 xx ( 2xx 10 ^(3))^(2))/((6.67 xx 10 ^(-11)) xx (6.4 xx 10^(23))) ` ` = 0.257 xx 10 ^(-6) ` मीटर `""^(-1 ) ` अथवा ` r = (1)/( 0.257 xx 10 ^(-6) )`मीटर ` = 3.89 xx 10 ^(6) ` मीटर = 3890 किमी अतः मंगल ग्रह की सतह से रॉकेट द्वारा तय की गयी महत्त्व दुरी ` = r - R = 3890 - 3395 ` किमी = 495 किमी | |
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