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क्रिकेट के अतंर्राष्ट्रीय विस्तार का संक्षेप में विवरण दीजिए।

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क्रिकेट का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार इस प्रकार है-

(क) इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के बीच सन् 1871 में खेले गए क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया की जीत हुई। इस पराजय के विरोध में कुछ अंग्रेज महिलाओं ने ‘वेल्स को जलाकर इंग्लिश क्रिकेट का दाह संस्कार सा कर दिया। वेल्स की उस राशि को ऑस्ट्रेलिया की टीम को सौंप दिया गया। तभी से ये दोनों टीमें एक-दूसरे के विरुद्ध एसेज के लिए खेलती हैं।

(ख) इंग्लैण्ड में 1909 ई0 में ‘इंपीरियल क्रिकेट कान्फ्रेंस’ (आई.सी.सी.) की स्थापना हुई तथा इसी के साथ क्रिकेट को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता भी मिली। इंग्लैण्ड के अलावा आस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका भी इसके सदस्य बने। सन् 1926 में भारत, वेस्टइंडीज एवं न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बन गए। सन् 1952 में पाकिस्तान भी इसका सदस्य बन गया। सन् 1971 में रंगभेद नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका की  सदस्यता समाप्त कर दी गई। सन् 1965 में इस कांफ्रेंस का नाम बदलकर इंटरनेशनल क्रिकेट कांफ्रेंस’ (आई.सी.सी.) रख दिया गया। समय के साथ-साथ अन्य देश भी (राष्ट्रमंडल देशों के अतिरिक्त) इसके सदस्य बनते गए।

वर्तमान समय में इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान, अमेरिका, अर्जेंटीना, कनाडा, डेनमार्क, कीनिया, जिम्बाब्वे, बांग्लादेश, हॉलैंड, बरमूडा, फिजी, सिंगापुर, हांगकांग, इजराइल व मलेशिया आदि देश इसके सदस्य या सहसदस्य हैं। क्रिकेट के इतिहास का प्रथम एकदिवसीय मैच 5 जनवरी, 1971 ई० को इंग्लैण्ड और आस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। इसमें 40 ओवर प्रति पारी रखे गए। एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के आयोजन व विकास का श्रेय भी इंग्लैण्ड को जाता है। इंग्लैण्ड के प्रयासों के फलस्वरूप ही इंग्लैण्ड में प्रथम विश्वकप का आयोजन हुआ। इस विश्व कप क्रिकेट में आठ देशों की टीमों ने भाग लिया था। इस विश्व कप में क्रिकेट के फाइनल में वेस्टइंडीज ने आस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराया था।



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