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Answer» लक्षण-ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की तेज किरणों से गरम होकर बहने वाली वायु लू कहलाती है। इसके अधिक समय तक निरन्तर सम्पर्क में आने पर प्रायः व्यक्ति रोगी हो जाते हैं। इस स्थिति को ‘लू लगना’ कहा जाता है। लू से पीड़ित व्यक्तियों में सामान्यत: रोग के निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं - सिर में दर्द होता है तथा चक्कर आते हैं।
- प्यास बहुत लगती है तथा सारे शरीर में खुश्की आ जाती है।
- चेहरा लाल हो जाता है तथा नाड़ी की गति तीव्र हो जाती है।
- श्वास गति बढ़ जाती है।
- रक्तचाप कम हो जाता है।
- तेज ज्वर हो जाता है तथा रोगी को मूच्र्छा आने लगती है।
उपचार: यदि रोगी को समय पर निम्नलिखित उपचार उपलब्ध हो जाएँ तो उसे रोग के घातक परिणामों से बचाया जा सकता है - रोगी को तत्काल छायादार ठण्डे स्थान पर ले जाना चाहिए।
- रोगी को बार-बार ठण्डे पानी से नहलाना चाहिए।
- रोगी के सिर पर बर्फ की टोपी रखनी चाहिए।
- यदि ज्वर पुनः चढ़ता है, तो ठण्डे पानी से स्पन्ज करना चाहिए।
- रोगी के हाथ-पैर पर मेंहदी अथवा प्याज पीसकर लगाने से लाभ होता है।
- रोगी को बार-बार कच्चे आम का पन्ना पिलाने से अत्यधिक लाभ होता है।
- गम्भीर अवस्था में रोगी को तत्काल किसी योग्य चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
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