1.

मैग्नीशियम के प्रथम, द्वितीय और तृतीय आयनन विभव क्रमशः 736.9, 1448.7 और `2545.6" kJ mol"^(-1)` है। इसके कारण बताएँ।

Answer» `{:(,Mg to Mg^(+)+e" "I_(1)=736.9kJ"mol"^(-1)),(,Mg^(+) to Mg^(2+)+e" "I_(2)=1448.7kJ"mol"^(-1)),(,Mg^(2+)to Mg^(3+)+e" "I_(3)=2545.6kJ"mol"^(-1)):}`
Mg परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन के निकल जाने से प्रभावकारी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ जाता है तथा `Mg^(+)` आयन का आकार Mg परमाणु से कम हो जाता है। इसीलिए द्वितीय आयनन विभव का मान प्रथम आयनन विभव से अधिक होता है। इसी प्रकार `Mg^(2+)` से तीसरे इलेक्ट्रॉन को निकालना और कठिन हो जाता है, क्योंकि `Mg^(2+)` का प्रभावकारी नाभिकीय आवेश `Mg^(+)` से अधिक किंतु उसका आकार `Mg^(+)` आयन से कम होता है। अतः `Mg^(2+)` का आयनन विभव `Mg^(+)` से अधिक होता है।


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