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मौद्रिक प्रोत्साहन को समझाइये ।

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मौद्रिक प्रोत्साहन (Financial Incentives) : प्रोत्साहन का ऐसा माध्यम जिसमें मुद्राकीय स्वरूप में लाभ मिलता है । जिन्हें मौद्रिक प्रोत्साहन कहा जाता है । मौद्रिक प्रोत्साहन कर्मचारियों के उत्साह और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है । मौद्रिक प्रोत्साहन निम्न रूप से दिया जा सकता है ।

(1) लाभ में हिस्सा (Profit Share) : कर्मचारियों की अधिक कार्यक्षमता एवं कार्य के प्रति उत्साह होने से इकाई में उत्पादन बढ़ता है । जिससे लाभ में वृद्धि होती है । अत: लाभ में होने वाली वृद्धि के लिए मात्र मालिक ही जिम्मेदार नहीं परंतु कर्मचारी गण भी है । अतः कर्मचारियों को लाभ में हिस्सा प्राप्त होना चाहिए जिससे कर्मचारियों को प्रोत्साहन प्राप्त होता है ।

(2) सहभागीदारी (Co-Partnership) : संचालकों के द्वारा की जानेवाली संचालन की प्रवृत्ति में कुशल कर्मचारियों से संचालन सम्बन्धि सलाह सूचन लेना चाहिए जिसे सह भागीदारी कहते हैं । इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है ।

(3) बोनस (Bonus) : कर्मचारियों को वेतन के अलावा वार्षिक प्रतिफल को बोनस कहते हैं । बोनस का आधार वार्षिक लाभ पर होता है । अधिक लाभ होने पर संचालकों के द्वारा बोनस की दर निर्धारित की जाती है । अपने देश में सामान्यत: दीपावली के पर्व पर बोनस देने की प्रथा अधिक प्रचलित है ।

(4) सुझाव एवं सलाह (Suggestion & Advices) : कर्मचारी गण उत्पादन के साथ जुडा हुआ पक्ष है । अत: कर्मचारी के द्वारा संचालकों को समय-समय पर अधिक उत्पादन सम्बन्धि सलाह-सूचन प्रदान किया जाता है । जिससे अधिक उत्पादन सम्भव बनता है । ऐसे कर्मचारियों को वित्तीय सुविधा प्रदान की जानी चाहिए जिससे कर्मचारीगण सतत सलाह सूचन देने में अग्रसर रहते हैं ।

(5) कमीशन (Commission) : तैयार माल की बिक्री पर योग्य कमिशन की दर निश्चित की जाती है । अत: जो कर्मचारी .. गण माल की बिक्री के साथ जुड़े हैं । ऐसे कर्मचारियों के द्वारा अधिक बिक्री पर अधिक कमीशन देने की प्रथा संचालकों के द्वारा निर्धारित की जाती है । जिससे कर्मचारियों के द्वारा अधिक बिक्री की जाती है । जिससे इकाई को अधिकतम लाभ प्राप्त होता है ।

(6) पुरस्कार (Prizes) : कर्मचारी अपने अधिक कार्यक्षम कार्य के प्रति सम्मान की इच्छा रखता है । अत: जिन कर्मचारियों के द्वारा अधिक कार्यक्षम ढंग से कार्य किया जाता है । ऐसे कर्मचारियों को सभा-सेमिनार, विशेष पर्व, सम्मेलनों एवं सामूहिक मिलन जैसे स्थलों पर सबके सामने योग्य पुरस्कार प्रदान किया जाना चाहिए । जैसे प्रमाणपत्र भेंट इत्यादि इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि देखने को मिलती है ।

(7) पदोन्नति (Permotion) : कर्मचारियों को उनके वर्तमान पद से उच्च लाभदायी पद पर रखने की प्रक्रिया को पदोन्नति कहते हैं । जिससे कर्मचारियों के अधिकार, दायित्व, कर्तव्य एवं वेतन में वृद्धि होती हैं । पदोन्नति के कारण कर्मचारी की शक्ति एवं उत्साह में वृद्धि होती है ।



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