1.

मीटर सेतु की सहायता से किसी तार का प्रतिरोध तथा तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करने की विधि का वर्णन शीर्षक के आधार पर कीजिए- सूत्र की स्थापना

Answer» सूत्र की स्थापना-कुंजी K के प्लग को लगा देते है तथा प्रतिरोध बॉक्स RB से एक ज्ञात प्रतिरोध (R ) निकाल कर जॉकी को तार AC में इधर-उधर खिसका कर एक ऐसी स्थिति प्राप्त करते है की धारामापी में विक्षेप शून्य हो जाएँ यह सेतु की संतुलन अवश्था है| संतुलन अवस्था में मीटर सेतु का विद्युत परिपथ व्हीटस्टोन सेतु के परिपथ के तुल्य होता है| तार AC के भाग AB का प्रतिबोध P तथा BC भाग का प्रतिरोध Q होता है| रिक्त भाग MN में लगा प्रतिबोध R तथा रिक्त स्थान XY में लगा प्रतिरोध S होता है अतः मीटर सेतु का तुल्य परिपथ चित्र के अनुसार होगा| माना की बिंदु A संतुलन बिंदु B की दुरी l है तो ` BC =100-l` होगी,अतः यदि तार में एकांक लम्बाई का प्रतिरोध x हो, तो
P =बिंदु A और B के बीच प्रतिरोध
` " "=lx `
तथा ` " "Q =` बिंदु B और C के बीच प्रतिरोध
` " " =( 100-l) x`
अब व्हीटस्टोन के सिद्धांत से,
` " " (P)/(Q)=( R)/(S) `
`rArr " " (lx)/( (100-l) x) =(R)/(S) `
` rArr " "S= R ((100-l))/( l) `
इस प्रकार यदि R तथा l का मान ज्ञात किया जा सकता है| यदि अज्ञात प्रतिरोध S का मान ज्ञात किया जा सकता है| यदि अज्ञात प्रतिरोध के तार की लम्बाई L तथा उसकी त्रिज्या r सेमि है तो तार पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध
` " "rho =S xx (pir^(2))/( L) ` ओम `xx ` सेमि.


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