1.

मंत्रिपरिषद् तथा मंत्रिमण्डल में क्या अन्तर है?

Answer»

मंत्रिपरिषद् तथा मंत्रिमण्डल में अन्तर

मंत्रिपरिषद् और मंत्रिमण्डल का प्रायः लोग एक ही अर्थ में प्रयोग करते हैं, जब कि इनमें अन्तर हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान में मात्र मंत्रिपरिषद् का उल्लेख है। मंत्रिपरिषद् तथा मंत्रिमण्डल के अन्तर को निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है

(1) आकार में अन्तर – मंत्रिपरिषद् में लगभग 60 मंत्री होते हैं, जब कि मंत्रिमण्डल में प्रायः 15 से 20 मंत्री होते हैं।
(2) मंत्रिमण्डल, मंत्रिपरिषद का भाग – मंत्रिमंण्डल, मंत्रिपरिषद् का हिस्सा होता है। इसी कारण अनेक विद्वानों ने इसे ‘बड़े घेरे में छोटे घेरे’ की संज्ञा दी है।
(3) प्रभाव में अन्तर – मंत्रिमण्डल के सदस्यों का नीति-निर्धारण पर पूर्ण नियन्त्रण होता है तथा समस्त महत्त्वपूर्ण निर्णय मंत्रिमण्डल द्वारा ही लिये जाते हैं। मंत्रिपरिषद् नीति-निर्धारण में हिस्सा नहीं लेती।
(4) मंत्रिमण्डल की बैठकें लगातार होती रहती हैं – मंत्रिमण्डल की बैठकें साधारणत: सप्ताह में एक बार तथा कई बार भी होती हैं, जब कि मंत्रिपरिषद् की बैठकें कभी नहीं होती हैं।
(5) सभी मंत्री मंत्रिपरिषद के सदस्य होते हैं – जब कि मंत्रिमण्डल के सदस्य मात्र कैबिनेट मंत्री ही होते हैं।
(6) वेतन एवं भत्तों में अन्तर – कैबिनेट मंत्रियों को अन्य मंत्रियों की तुलना में अधिक वेतन एवं भत्ते प्राप्त होते हैं।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions