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निम्नलिखित पठित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखिए -- 5 ऊधो तुम हौ अति बड़भागी अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी। पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न लागी। ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी। प्रीति – नदी मैं पाउँ न बोर्यौ, दृष्टि न रूप परागी। ‘सूरदास’ अबला हम भोरी गुर चाँटी ज्यौं पागी।। (क) प्रस्तुत पद में गोपियों ने अपनी तुलना किससे की हैं ?1 point(i) पानी से(ii) गुड़ से चिपकी चींटी(iii) कृष्ण से(iv) तेल की गागरी सेख) गोपियाँ किसे बड़भागी कह रहीं हैं?1 point(i) कृष्ण को(ii) ऊधौ को(iii) ब्रजवासियों को(iv) स्वंय कोग) प्रीति-नदी क्या है?1 point(i) प्रेम में नदी जैसा बहाव(ii) प्रेम में बिछड़ना(iii) वियोग में रहना(iv) इनमें से कोई नहीं(घ) इस काव्यांश में किस भाषा का प्रयोग हुआ हैं ?1 point(i) अवधी भाषा(ii) ब्रज भाषा(iii) खड़ी बोली(iv) हिन्दी(ड) दिए गए काव्यांश से शरीर शब्द का पर्याय शब्द लिखिए1 point(i) प्रीति(ii) देह(iii) पात(iv) पागी |
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