1.

निम्नलिखित संकुल स्पीशीज के चुंबकीय आघुर्णों के मान से आप क्या निष्कर्ष निकालेंगे? `{:("उदाहरण ","चुंबकीय आघूर्ण"),((i)K_(4)[Mn(CN)_(6)], 2.2),((ii)[Fe(H_(2)O)_(6)]^(2+),5.3),((iii)K_(2)[MnCl_(4)],5.9):}`

Answer» (i) `K_(4)[Mn(CN)_(6)]` का चुंबकीय आघूर्ण `mu=2.2` B.M. दिया गया हैं| सैंधनीनतक आधार पर सूत्र, `mu=sqrt(n(n+2))` B.M. के अनुसार n=1 होने पर `mu` का मान `1.732` B.M. के अनुसार 2.2 के लगभग समान हैं|
अतः इस संकुल में Mn पर `d^(2)dp^(3)` संकरण होगा क्यूंकि `vec(CN)` प्रबल लिगेंड हैं जिसके कारण `Mn^(2+)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `(t_(2g))^(5)` होगा, जिसमे एक आयुगिमत इलेक्ट्रान हैं| अतः यह संकुल अनुचुंबकिय हैं|
(ii) `[Fe(H_(2)O)_(6)]^(2+)` के लिए `mu =5.3` B.M. दिया गया हैं| अतः सूत्रानुसार n=4 लेने पर `mu = 4.89` B.M. आता हैं जो की `5.3` के लगभग समान हैं| अतः इस संकुल में Fe पर `sp^(3)d^(2)` संकरण होगा क्यूंकि `H_(2)O` दुर्बल लिगेंड हैं जिसमे `Fe^(2+)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `(t_(2g))^(4)(e_(g))^(2)` होगा, जिसमे चार आयुगिमत इलेक्ट्रान हैं| अतः यह संकुल भी अनुचुंबकिय हैं|
(iii) `K_(2)[MnCl_(4)]` के लिए `mu = 5.9 B.M.` दिया हैं|
अतः सूत्रानुसार n=5 लेने पर `mu=5.91` B.M. आता हैं जो की `5.9` के लगभग समान हैं| अतः इस संकुल में Mn पर `sp^(3)` संकरंड होगा क्यूंकि `Cl^(-)` दुर्बल लिगेंड हैं, जिसकी उपस्थिति में `Mn^(+2)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `(e_(g))^(2)(t_(2g))^(3)` होगा, जिसमे 5 आयुगिमत इलेक्ट्रान हैं| अतः यह संकुल भी अनुचुंबकिय हैं|


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